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Good News अडानी ग्रुप ने समय से पहले चुकाया 2.65 अरब डॉलर का कर्ज

मुंबई : अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग का असर गौतम अडानी के नेतृत्व वाले अडानी ग्रुप पर लगातार कम होता जा रहा है और समूह भी अपने निवेशकों का भरोसा वापस पाने के लिए एक के बाद एक बड़ा कदम उठा रहा है. इसके तहत हाल ही में अडानी ग्रुप (Adani Group) ने 2.65 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान समय से पहले कर दिया है. इसमें अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण के लिए लिये गए कर्ज में से 50 करोड़ डॉलर का पेमेंट भी शामिल है.

Adani Group की ओर से रविवार को इस संबंध में एक बयान जारी कर बताया गया कि निवेशकों का भरोसा वापस जीतने के मद्देनजर हमने समय से पहले 2.65 अरब डॉलर के कर्ज का भुगतान किया है. इसकी डेडलाइन 31 मार्च 2023 थी, लेकिन पेमेंट पहले ही कर दिया गया है. बयान के मुताबिक, 2.15 अरब डॉलर का कर्ज ग्रुप की लिस्टेड कंपनियों में स्टॉक्स को गिरवी रखकर लिया गया था, जबकि अंबुजा सीमेंट के अधिग्रहण के लिए 50 करोड़ डॉलर लिए गए थे.

अडानी ग्रुप (Adani Group) की ओर से बताया गया कि प्रमोटर्स का अब अंबुजा सीमेंट (Ambuja Cement) और एसीसी सीमेंट (ACC Cement) के 6.6 अरब डॉलर की कुल अधिग्रहण वैल्यू में 2.6 अरब डॉलर का निवेश है. गौरतलब है कि साल 2022 में गौतम अडानी के नेतृत्व वाले समूह ने 10.5 अरब डॉलर के सौदे में प्रमुख भारतीय सीमेंट प्लेयर्स, अंबुजा सीमेंट्स और एसीसी का अधिग्रहण पूरा किया था. इसके साथ ही यह देश का दूसरा सबसे बड़ा सीमेंट प्लेयर बन गया.

इससे पहले ऐसी खबरें आ रही थीं कि कर्ज चुकाने के लिए अडानी ग्रुप (Adani Group) बड़ा फैसला ले सकता है. इसके तहत कर्ज को कम करने के लिए अडानी ग्रुप अंबुजा सीमेंट्स लिमिटेड (Ambuja Cements Limited) में अपनी 4 से 5 फीसदी हिस्सेदारी में बेच सकता है. हिस्सेदारी की कीमत 450 मिलियन डॉलर (3,680 करोड़ रुपये) बताई जा रही है.

अडानी ग्रुप की तरफ से इससे पहले बीते दिनों दिए गए एक बयान में कहा गया था उसने ग्रुप की 4 लिस्टेड कंपनियों में शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए 7,374 करोड़ रुपए के कर्ज का पेमेंट कर दिया है. वहीं अब समय पूर्व किए गए भुगतान का ये आंकड़ा बढ़कर 2.15 अरब डॉलर कर दिया गया है. इसके अलावा अंबुजा अधिग्रहण का 50 करोड़ डॉलर का कर्ज भुगतान भी इसमें जुड़ गया है. हालांकि, ग्रुप की ओर से इस भारी-भरकम कर्ज को चुकाने के लिए राशि के स्रोत का खुलासा नहीं किया गया है.

Hindenburg की रिसर्च रिपोर्ट इस साल 24 जनवरी को पब्लिश हुई थी, इसके अगले दिन से ही अडानी की कंपनियों के शेयरों में सुनामी आ गई थी और हर बीतते दिन के साथ उन्हें जबरदस्त घाटा उठाना पड़ा रहा था. हालांकि, बीते 10 दिनों से कंपनियों के स्टॉक्स में जोरदार तेजी देखने को मिल रही है और इसके चलते गौतम अडानी की संपत्ति में भी बड़ा इजाफा होता दिख रहा है. अमेरिकी फर्म GQG पार्टनर्स द्वारा अडानी की चार कंपनियों में 15,446 करोड़ रुपये के निवेश के बाद शेयरों में और तेजी देखने को मिली है.

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