MP : लाड़ली बहनों के लिए गुड न्यूज़, समय से पहले आएगी 11वीं किस्त
भोपाल : मध्य प्रदेश की करोड़ों लाड़ली बहनों के लिए खुशखबरी है। मार्च की तरह अप्रैल में भी 1.29 करोड़ बहनों को मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना की राशि समय से पहले जारी की जाएगी। सीएम डॉ मोहन यादव ने ऐलान किया है कि हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा त्यौहार होने के चलते इस बार 11वीं किस्त की राशि 10 अप्रैल की बजाय 5 अप्रैल को ही जारी कर दी जाएगी। इसके तहत प्रत्येक बहनों के खाते में 1250 रुपए भेजे जाएंगे।
लाड़ली बहना योजना के नियम के तहत, हर महीने की 10 तारीख को करोड़ों बहनों के खाते में 1250 रुपए भेजे जाते है, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए इस बार 10 अप्रैल की बजाय 5 अप्रैल को 11वीं किस्त भेजी जाएगी । सीएम मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि इस बार तय तारीख से 5 दिन पहले ही महिलाओं को 11वी किस्त का पैसा भेजा जाएगा।
इससे पहले भी मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कई किस्तें समय से पहले भेजी गई है। पिछले साल विधानसभा चुनाव के कारण 10 अक्टूबर की बजाय 4 अक्टूबर को यानि छह दिन पहले ही किस्त जारी कर दी गई थी, वही रक्षा बंधन और होली पर भी समय से पहले किस्त जारी हुई थी। 10वीं किस्त होली को देखते हुए 10 की जगह 1 मार्च को जारी की गई थी।
लाड़ली बहना योजना पिछली शिवराज सिंह चौहान सरकार द्वारा मई 2023 में शुरू की गई थी। इसमें 21 से 60 वर्ष की विवाहित महिलाओं को 1000 रुपए देने का फैसला किया गया था और फिर इसकी पहली किस्त 10 जून को जारी की गई थी, इसके बाद रक्षाबंधन 2023 पर राशि को बढ़ाकर 1250 रुपए कर दिया गया था। अब इस योजना के तहत 1250 रुपए महीना के हिसाब से महिलाओं को सालाना 15,000 रुपये मिलते हैं।अब तक इसकी 10 किस्तें जारी हो गई है और अब 5 अप्रैल को 11वीं किस्त जारी की जाएगी।
इस योजना में 1 जनवरी 1963 के बाद लेकिन 1 जनवरी 2000 तक जन्मी मध्यप्रदेश की स्थानीय निवासी समस्त विवाहित महिलाएं (विधवा, तलाकशुदा एवं परित्यक्ता समेत) वर्ष 2023 में आवेदन के लिए पात्र मानी जाती है। इसके अलावा महिलाएं, खुद या उनके परिवार में कोई टैक्सपेयर नहीं होना चाहिए और परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये होना चाहिए।अगर संयुक्त परिवार है तो पांच एकड़ से ज्यादा जमीन न हो, परिवार में कोई भी व्यक्ति सरकारी नौकरी न करता हो। घर पर ट्रैक्टर, चारपहिया वाहन न हो।इसके अलावा पूर्व सांसद, विधायक, पंचायत सदस्यों की पत्नि न हों, इन लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा।