नई दिल्ली : वंदे भारत ट्रेनें भारतीय रेल में एक क्रांति की तरह हैं। अब सरकार ‘वंदे मेट्रो’ और स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों को चलाने की योजना बना रही है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के मुताबिक इस साल के आखिरी तक वंदे मेट्रो ट्रेन तैयार हो जाएगी। इस समय वंदे भारत ट्रेनें 500 से 600 किलोमीटर की दूरी में चलती हैं वहीं वंदे मेट्रो शटल 100 किलोमीटर की दूरी में दो शहरों को जोड़ेगी। वहीं इस बात की भी उम्मीद लगाई जा रही है कि जुलाई 2026 तक देश में बुलेट ट्रेन की एंट्री हो जाएगी। अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट तेजी से चल रहा है। वैष्णव ने बताया कि महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन के लिए सभी 13 स्टेशन तैयार हैं। यह ट्रेन 320 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेगी। इस प्रोजेक्ट के लिए आठ नदियों पर पुल बनाए गए हैं और 140 किलोमीटर की दूरी में पिलर बना दिए गए हैं।
कैसी होगी स्लीपर वंदे भारत
वंदेभरत एक्सप्रेस का स्लीपर वर्जन भी बेहद खास होगा। इन ट्रेनों को 220 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलने के लिए बनाया जाएगा वहीं ट्रैक पर ये 200 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से चलेंगी। ये कोच एल्युमिनियम के बनाए जाएंगे। वंदे भारत एक्सप्रेस धीरे-धीरे शताब्दी ट्रेनों की जग ले लेंगी। इसके अलावा इसका स्लीपर वर्जन राजधानी ट्रेनों की तरह काम करेगा। रेलवे ने 400 वंदे भारत ट्रेनों के लिए बिड मांगी हैं। रेलवे बोर्ड ने कमाई वाले रूटों पर सर्वे शुरू कर दिया है।
बताया जा रहा है कि दिल्ली से वाराणसी के बीच चलने वाली वंदे भारत ट्रेन के समय पालन से यात्री खुश हैं। रेलवे मॉनिटरिंग कमिटी ने सर्वे के बाद यह बात बताई है। दिल्ली से कानपुर की दूरी 444 किलोमीटर और लखनऊ की दूरी 511 किलोमीटर है। इस रूट पर स्लीपर वंदेभरत एक्सप्रेस को प्राथमिकता दी जी सकती है। अभी पूरे देश में 23 जोड़ी शताब्दी ट्रेनें चल रही हैं।