Google Maps ने दिखाया गलत रास्ता, गोवा जा रहा परिवार जंगल में फंसा, पूरी रात काटनी पड़ी कार में
नई दिल्ली: बिहार से गोवा जा रहे एक परिवार को गूगल मैप्स पर भरोसा करना भारी पड़ गया। कर्नाटक के बेलगावी जिले के खनापुर में भीमगढ़ जंगल के घने इलाके में परिवार को पूरी रात कार में गुजारनी पड़ी। घटना तब हुई जब गूगल मैप्स ने परिवार को शिरोली और हेम्मडागा के पास जंगल के भीतर से एक शॉर्टकट रास्ता दिखाया। जोखिम से अनजान परिवार करीब आठ किलोमीटर तक इस पथरीले और सुनसान इलाके में चला गया।
जल्द ही परिवार को महसूस हुआ कि वे एक मुश्किल स्थिति में फंस गए हैं। जंगल के भीतर मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध नहीं था और बाहर निकलने का कोई साफ रास्ता नहीं दिख रहा था। कई प्रयासों के बावजूद जब वे जंगल से बाहर नहीं निकल सके, तो परिवार ने अपनी कार में रात बिताई। चारों ओर फैले घने जंगल और डरावने सन्नाटे के बीच यह उनके लिए बेहद चुनौतीपूर्ण अनुभव था।
सूरज उगने पर मांगी मदद
सुबह होने पर, मदद की तलाश में परिवार ने लगभग चार किलोमीटर तक पैदल चलकर एक ऐसी जगह पहुंची, जहां मोबाइल नेटवर्क उपलब्ध था। वहां उन्होंने आपातकालीन हेल्पलाइन 112 पर कॉल किया। कॉल मिलते ही स्थानीय पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की और जंगल में फंसे परिवार को सुरक्षित बाहर निकाला।
पिछले महीने, उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में भी गूगल मैप्स की वजह से तीन लोगों की जान चली गई थी। गूगल मैप्स ने एक अधूरी पुलिया पर गाड़ी चढ़ा दी, जिससे गाड़ी 50 फीट ऊंचाई से रामगंगा नदी में गिर गई। गुरुग्राम से बरेली शादी में शामिल होने जा रहे विवेक और अमित गूगल मैप्स पर भरोसा करते हुए उस अधूरी पुलिया तक पहुंच गए थे। घटना में तीन लोगों की मौत हो गई थी।
सावधानी जरूरी
यह घटना फिर से यह सबक देती है कि डिजिटल नेविगेशन पर पूरी तरह निर्भर होने से पहले सतर्क रहना बेहद जरूरी है। खासतौर पर सुनसान और अनजान इलाकों में सफर करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए।