सरकारी बैंकों ने विभिन्न सेक्टर्स के लिए दो महीनों में दी 5.95 लाख करोड़ के लोन को मंजूरी
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के कारण लागू लॉकडाउन की वजह से बुरी तरह प्रभावित एमएसएमई, एग्रीकल्चर और कॉरपोरेट सहित विभिन्न सेक्टर्स में पिछले दो महीनों के दौरान सरकारी बैंकों द्वारा करीब 5.95 लाख करोड़ रुपये के लोन के लिए मंजूरी दी गई है। गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनयों (NBFCs) को इन बैंकों से एक मार्च से आठ मई की अवधि के दौरान करीब 1.18 लाख करोड़ रुपये मिले हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को एक ट्वीट में कहा, ‘सरकारी क्षेत्र के बैंकों ने एक मार्च से 8 मई 2020 के दौरान एमएसएमई, रिटेल, एग्रीकल्चर और कॉरपोरेट सेक्टर के 46.74 लाख से अधिक खातों के लिए 5.95 लाख करोड़ के लोन को मंजूरी दी है। वहीं, NBFCs को कुल 1.18 लाख करोड रुपये प्रदान किये गए हैं।’
गौरतलब है कि कोरोना वायरस महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देश में 25 मार्च से ही लॉकडाउन लागू हो गया था। देश में लॉकडाउन लागू होने के साथ ही सरकारी बैंकों ने कार्यशील पूंजी सीमा के आधार पर 10 फीसद अतिरिक्त ऋण सुविधा शुरू कर दी थी। इसके अंतर्गत अधिकतम लिमिट 200 करोड़ रुपये तय की गई थी।
वित्त मंत्री ने एक दूसरे ट्वीट में लिखा, ‘सरकारी क्षेत्र के बैंकों द्वारा 20 मार्च से 8 मई 2020 के बीच आपातकालीन ऋण सुविधा और बढ़ी हुई कार्यशील पूंजी लिमिट के लिए योग्य कर्जदारों में से 97 फीसद से संपर्क स्थापित कर उनको 65,879 करोड़ रुपये का लोन दिया गया।’
केंद्र सरकार द्वारा अब तक लॉकडाउन को तीन बार बढ़ाया जा चुका है। 4 मई से लागू तीसरे चरण का लॉकडाउन 17 मई को समाप्त हो रहा है। इस चरण के लॉकडाउन में सरकार ने कई सारी छूटे दी हैं, जिससे कारोबारों ने कुछ शर्त मानकर फिर से अपने कारखानों और कार्यालयों में परिचालन शुरू कर दिया है। मंगलवार को पीएम ने तीसरी बार लॉकडाउन को बढ़ाने की घोषणा की है। उन्होंने लॉकडाउन 4.0 की घोषणा की, जो 18 मई से लागू होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह लॉकडाउन बिल्कुल अलग रंग-रूप में होगा।