देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि सरकार राज्य में उद्योग को बढ़ावा देने और उनकी समस्याओं को दूर करने को लेकर संकल्पित है। प्रदेश में विकास के ग्रोथ को अवसर दिए जाएंगे। इसमें कही से कोई उलझन को आड़े हाथ नहीं आने दी जाएगी। बुधवार रात राजपुर रोड स्थित होटल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी औद्योगिक संस्थानों एवं संगठनों के साथ आयोजित संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बातें कही।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार सरलीकरण, समाधान व निस्तारण के मंत्र को लेकर काम कर रही है। हम उद्योगों से जुड़े लोगों की समस्याओं का सरलीकरण कर समाधान करेंगे और साथ ही उनकी समस्याओं का निस्तारण भी होगा। उद्योगों की संतुष्टि का हमारा प्रयास है। उत्तराखंड में जितने भी उद्योग स्थापित हुए है, उनकी समस्याओं को दूर कर उन्हें विकास और ग्रोथ के हर अवसर दिए जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व.अटल बिहारी वाजपेयी की ओर से राज्य को दिये गये औद्योगिक पैकेज से प्रदेश में बड़ी संख्या में उद्योगों की स्थापना हुई है। भविष्य में राज्य में और अधिक उद्योग स्थापित हों इसके लिये हमारे उद्यमी ही हमारे ब्राण्ड एम्बेसडर रहेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में देश-विदेश से उद्योगपति आये इसमें हमारे उद्यमियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। राज्य का वातावरण पूर्णतः उद्योगों के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि सम्पूर्ण देश में भी यह संदेश जाना चाहिए कि उत्तराखंड उद्योगों के लिए एक श्रेष्ठ डेस्टिनेशन है। सरकार और उद्योगपतियों के बीच लगातार संवाद कायम रहेगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी हमेशा उत्तराखंड के विकास को प्राथमिकता देते हैं। आज उत्तराखंड में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है। परिवहन, कनेक्टिविटी और इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में उत्तराखंड में तेजी से काम हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 10 सालों में उद्योग के क्षेत्र में उत्तराखंड देश का नंबर वन राज्य बने, इसके लिये हम प्रयासरत हैं। इसमें उद्योगों को भी सहयोगी बनना होगा। राज्य सरकार सभी के सहयोग के लिये है। अधिक से अधिक रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिये भी बड़ी संख्या में उद्योगों की स्थापना जरूरी है। इसके लिए जो बेहतर होगा वह किया जायेगा। राज्य के सभी क्षेत्रों के साथ ही राष्ट्रीय राजधानी के लिये सड़क एवं हवाई सेवाओं की बेहतर सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है।
राज्य में उद्योगों की बेहतरी के लिये ऊर्जा, चिकित्सा, परिवहन, राजस्व, वन आदि विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में कोरोना से बचाव के लिये हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर की मजबूती पर ध्यान दिया गया है। आगामी दिसम्बर तक राज्य के सभी लोगों का वैक्सीनेशन कर दिया जायेगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने उद्योग विभाग के वार्षिक प्रतिवेदन का भी विमोचन किया।
उद्योग मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश के विकास में उद्योगों की बड़ी भूमिका है। बड़ी संख्या में उद्योग रोजगार के भी माध्यम हैं। राज्य सरकार उद्योगों के हित में निरंतर प्रयासरत है। उद्योगों से आपसी संवाद के माध्यम से उनकी समस्याओं का समाधान किया जायेगा। यह प्रक्रिया निरंतर चलती रहेगी।
मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु ने कहा कि राज्य सरकार संवेदनशीलता के साथ उद्योगों के हित में कार्य कर रहे है। खनन आदि नीतियों को पब्लिक डोमेन में डाला जा रहा है, ताकि सभी के सुझावों पर ध्यान देते हुए बेहतर नीतियां तैयार हो सके। उद्योगों के हित में सेल्फ सर्टिफिकेशन की व्यवस्था 10 साल के लिए की जा रही है। औद्योगिक संगठनों के दिये गये सुझावों पर शीघ्र कार्यवाही कर समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
सचिव उद्योग राधिका झा ने औद्योगिक संगठनों से हुई वार्ता का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राप्त सुझावों के निराकरण का प्रयास किया जाएगा। मेगा इंडस्ट्रियल पॉलिसी, एक्सपोर्ट पॉलिसी, टेक्सटाइल पॉलिसी के साथ ही अवस्थापना विकास, पर्यावरण व राजस्व से सम्बन्धित समस्याओं के समाधान के लिये जिला उद्योग मित्र तथा सिंगल विंडो सिस्टम को भी प्रभावी बनाया जाएगा।
इस संवाद कार्यक्रम में पीएचडीसीसीआई, केजीसीसीआई, सीआईआई, आईएयू सिडकुल मैन फोर्स एसोसिएशन, टूरिज्म एसोसिएशन आदि के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
इस मौके पर अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, नितेश झा, सचिन कुर्वे, बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम आदि उपस्थित थे।
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