अग्निवीरों के लिए वैकल्पिक रोजगार तलाशने में जुटी सरकार
नई दिल्ली: सेना में चार साल की सेवा के बाद वापस लौटने वाले अग्निवीरों के लिए वैकल्पिक रोजगार की संभावनाएं तलाशने की पहल सरकार ने अभी से शुरू कर दी है। इसके तहत रक्षा मंत्रालय ने निजी क्षेत्र से जुड़ी देश की आधा दर्जन रक्षा उत्पादन कंपनियों के साथ उनके यहां की नौकरियों में अग्निवीरों को विशेष मौका देने को लेकर बातचीत की है। रक्षा मंत्रालय की इस पहल के दौरान इन कंपनियों ने सेना से लौटने वाले अग्निवीरों को वैकल्पिक रोजगार देने को लेकर सकारात्मक संकेत दिए। इसे देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने स्वदेशी रक्षा कंपनियों से अपनी नौकरियों में पूर्व अग्निवीरों के लिए विशेष कोटे का प्रावधान करने की नीति बनाने का आग्रह किया है।
कई प्रमुख देशी रक्षा कंपनियों के अधिकारियों के साथ रक्षा सचिव ने की बैठक
रक्षा मंत्रालय ने सोसाइटी ऑफ इंडियन डिफेंस मैन्युफैक्चरर्स के तत्वावधान में रक्षा कंपनियों की कॉर्पोरेट भर्ती योजना में पूर्व-अग्निवीरों को अवसर देने के लिए बुधवार को इस बातचीत सत्र का आयोजन किया था। रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने की अध्यक्षता में हुई इस बैठक के दौरान एलएंडटी, अदाणी डिफेंस लिमिटेड, टाटा एडवांस्ड सिस्टम लिमिटेड, अशोक लेलैंड सहित कई प्रमुख देशी रक्षा कंपनियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान रक्षा सचिव ने राष्ट्र निर्माण में जुटे विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक समर्पित और अनुशासित युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से तीनों सेनाओं में अपना कार्यकाल पूरा कर बाहर निकलने वाले अग्निवीरों की विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए कंपनियों को प्रेरित किया। साथ ही इस दिशा में सरकार के प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।
कंपनियों को यह भी बताया गया कि सशस्त्र बलों के साथ अपने जुड़ाव के दौरान अग्निवीरों द्वारा हासिल कौशल उन्हें एक उच्च सक्षम और पेशेवर कार्यबल बनाने में मदद करेगा। विशेषकर रक्षा उद्योग क्षेत्र की कंपनियों के लिए उनका अनुभव न केवल उपयोगी होगा बल्कि यह आसानी से उपलब्ध भी होगा। रक्षा मंत्रालय के अनुसार चर्चा के दौरान रक्षा कंपनियों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों ने इस पहल को अपना निरंतर समर्थन देने की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही तीनों सेनाओं में अपना कार्यकाल पूरा कर बाहर आने वाले अग्निवीरों के पहले बैच यानि पूर्व-अग्निवीरो को अपने संस्थानों में नौकरी देने को लेकर उत्सुकता भी जाहिर की और रक्षा सचिव को आश्वासन दिया कि उपलब्ध कौशल क्षमता के आधार पर पूर्व अग्निवीरों के आरक्षण के लिए उनकी भर्ती नीतियों में उपयुक्त प्रावधान किए जाएंगे।
चर्चा के दौरान रक्षा उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप अग्निवीरों की कौशल क्षमता में इजाफा करने के कुछ सुझाव भी दिए गए। कंपनियों के इस सकारात्मक रुख के बाद रक्षा सचिव ने भारतीय रक्षा निर्माताओं से इस प्रतिबद्धता के अनुरूप अपनी कॉर्पोरेट भर्ती योजनाओं के तहत अग्निवीरों के विशेष कोटे को लेकर जल्द से जल्द नीतिगत घोषणा करने का आग्रह भी किया। मालूम हो कि अग्निपथ की नई स्कीम के तहत तीनों सेनाओं में अब अग्निवीर के रूप में ही नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू हुई है और जल्द ही इसके पहले बैच की भर्ती प्रक्रिया पूरी होने वाली है।