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अनंतकाल के लिए सरकारी आवास पर कब्जा नहीं रखा जाए, SC ने खारिज की पूर्व विधायक की याचिका

नई दिल्ली: पूर्व मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ से भारत के मुख्य न्यायाधीश के आधिकारिक आवास को छीनने की प्रक्रिया शुरू करने के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि कोई भी अनिश्चित काल तक के लिए सरकारी आवास पर कब्जा नहीं कर सकता. साथ ही कोर्ट ने बिहार के पूर्व विधायक की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद भी 2 साल तक आलीशान बंगले में रहने के एवज में 21 लाख रुपये के दंडात्मक किराया लगाया गया था.

सीजेआई बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच के समक्ष बिहार के पूर्व विधायक अविनाश कुमार सिंह पेश हुए, जिन्हें अप्रैल 2014 से मई 2016 तक 2 साल के लिए पटना के टेलर रोड स्थित भव्य सरकारी बंगले में रहने के लिए 21 लाख रुपये का दंडात्मक किराया देने का आदेश दिया गया था. उनका कहना है कि यह गलत दावा है. “बड़ी राशि की अवैध मांग” के खिलाफ कोर्ट के सामने उनका तर्क था कि ‘राज्य विधानमंडल अनुसंधान और प्रशिक्षण ब्यूरो’ (State Legislature Research and Training Bureau) में नामित होने के बाद वह सरकारी आवास के हकदार थे.

‘2 साल के लिए 21 लाख किराया ज्यादा’
पूर्व विधायक के वकील अनिल मिश्रा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 2 साल के लिए 21 लाख रुपये का किराया बहुत ज्यादा है. उन्होंने कोर्ट से इस मसले पर विचार करने का अनुरोध किया. हालांकि बेंच इस पर कुछ भी विचार नहीं किया.

मुख्य न्यायाधीश ने अपने फैसले में कहा, “किसी को भी सरकारी आवास पर अंतहीन समय तक कब्जा नहीं रखना चाहिए.” हालांकि, बेंच ने पूर्व विधायक को कानूनी उपाय का सहारा लेने की छूट भी दे दी. इसके बाद, कोर्ट ने याचिका को वापस ले लिया गया मानते हुए खारिज कर दिया.

पटना HC ने बरकरार रखा था फैसला
इससे पहले हाई कोर्ट की एक डिविजन बेंच ने 3 अप्रैल को सिंगल बेंच के आदेश के खिलाफ अपील को खारिज कर दिया था, जिसमें पटना के टेलर रोड स्थित सरकारी बंगले में अनधिकृत रूप से रहने को लेकर किराये के रूप में 20,98,757 लाख रुपये के भुगतान करने संबंधी राज्य सरकार की मांग को बरकरार रखा था.

हाईकोर्ट की डिविजन बेंच ने सिंगल बेंच के उस फैसले को बरकरार रखा था, जिसमें पू्र्व विधायक सिंह की याचिका को सुनवाई योग्य नहीं होने के आधार पर खारिज कर दिया था.

बिहार की ढाका सीट से 5 बार रहे विधायक
ढाका विधानसभा सीट से 5 बार के विधायक अवनीश कुमार सिंह को विधानसभा सदस्य रहने के दौरान सरकारी आवास आवंटित किया गया था. लेकिन 14 मार्च 2014 को विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद, वह 12 मई 2016 तक इसी बंगले में रहे. हालांकि, उस दौरान यह आवास पहले से ही एक कैबिनेट मंत्री को आवंटित कर दिया गया था.

पूर्व विधायक का कहना है कि कि उनके इस्तीफे और 2014 के संसदीय चुनावों में मिली हार के बाद, उन्हें राज्य विधानमंडल अनुसंधान और प्रशिक्षण ब्यूरो के लिए नामित किया गया था. इस वजह से वह 2008 की सरकारी अधिसूचना के तहत मौजूदा विधायक के समान भत्ता और विशेषाधिकार प्राप्त करने के पात्र थे. इससे उन्हें उसी बंगले में बने रहने का अधिकार मिल गया लेकिन भवन निर्माण विभाग ने 24 अगस्त 2016 उन पर 20,98,757 रुपये का दंडस्वरूप किराया लगा दिया.

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