बूस्टर डोज और बच्चों के टीकाकरण पर सरकार कोई जल्दबाजी में नहीं-मंत्री मांडविया
नई दिल्ली: कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन सामने आने के बाद वैक्सीन की बूस्टर डोज और बच्चों के टीककरण को लेकर सवाल हो रहे हैं। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शुक्रवार को कहा कि वैज्ञानिक सलाह पर सरकार बच्चों के टीकाकरण और बूस्टर डोज पर निर्णय लेगी। मंत्री ने लोकसभा में कोरोना की स्थिति पर मैराथन चर्चा के दौरान अपने जवाब के दौरान कहा कि विशेषज्ञ टीम बच्चों के लिए टीकाकरण और बूस्टर खुराक के बारे में फैसला करेगी। वैज्ञानिक सलाह पर आगे बढ़ेंगी। साथ ही उन्होंने विपक्षी दलों से वैज्ञानिकों पर भरोसा करने की अपील की।
विपक्ष ने जानना चाहा था सरकार का रुख
चर्चा के दौरान कई सांसदों ने के कोरोना वैक्सीन की बूस्टर डोज पर सरकार से स्पष्टता मांगी थी। उन्होंने बच्चों के टीकाकरण के बारे में भी सवाल किया था। उन्होंने बच्चों की शिक्षा पर महामारी के प्रभाव और ‘डिजिटल डिवाइड’ के बारे में भी बात की, जो आर्थिक रूप से गरीब परिवारों के बच्चों पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहा है। मंडाविया ने कहा कि करीब 12 घंटे तक चली बहस में 75 सदस्यों ने हिस्सा लिया। बहस कल आधी रात को समाप्त हुई और मंत्री ने आज अपना जवाब दिया।
जोखिम वाले’ देशों के 16 हजार यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट
मांडविया ने संसद को बताया किया कि ‘जोखिम वाले’ देशों के 16 हजार यात्रियों के आरटीपीसीआर टेस्ट अब तक किए गए हैं। इनमें से 18 कोरोना से संक्रमित पाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ये यात्र ओमिक्रोन वैरिएंट से संक्रमित हैं या नहीं? इसका पता लगाने के लिए इनके सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग चल रही है। लोकसभा में महामारी पर बहस के दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने देश को भविष्य की किसी भी चुनौती के लिए तैयार करने के उपाय किए हैं और बफर स्टाक नीति को अपनाया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी राज्यों के पास आगे कभी भी कोरोना के मामलों में इजाफा से निपटने के लिए पर्याप्त दवाएं हों।