श्रीगंगानगर : राजस्थान कृषि प्रधान राज्य होने के कारण अपनी अर्थव्यवस्था में कृषि और किसानों की महत्वपूर्ण भूमिका को सदियों से संजोए हुए है। राजस्थान की अधिकांश जनसंख्या कृषि कार्यों पर निर्भर है, जो देश की सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक धारा को प्रभावित करती है। कृषि न केवल हमारे राज्य की रीढ़ है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा भी है। इसी परम्परा को आगे बढ़ाते हुए राजस्थान सरकार किसानों को समृद्ध करने की दिशा में कदम उठा रही है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा किसान कल्याण के प्रति प्रतिबद्ध हैं और राज्य में कृषि क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए तत्पर हैं। मुख्यमंत्री शर्मा ने किसानों के हित में एक महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम उठाया है। उन्होंने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत राजस्थान के किसानों को मिलने वाली वार्षिक राशि को 6000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपये करने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है।
उनके इस कदम से राज्य के लाखों किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से की गई थी। इसके तहत किसानों को 6000 रुपये वार्षिक राशि तीन किस्तों में दी जाती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस योजना को और अधिक प्रभावी और लाभकारी बनाने के लिए राज्य स्तर पर अतिरिक्त 2000 रुपये की सहायता राशि देने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार अतिरिक्त 2000 रुपये की सहायता राशि से किसानों की कृषि जरूरतों को पूरा करने में मदद मिलेगी और वे खेती के लिए आवश्यक संसाधनों की व्यवस्था कर सकेंगे। अधिक वित्तीय सहायता मिलने से किसान उन्नत बीज, खाद और सिंचाई के तरीकों का उपयोग कर इससे कृषि उत्पादन में और किसानों की आय में सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने किसानों की समस्याओं को समझते हुए इस योजना में वृद्धि की है, जिससे उनकी स्थिति में सुधार होगा और वे अधिक सशक्त बनेंगे।
किसान प्रदेश की कृषि अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसानों की समृद्धि से ही राज्य की समृद्धि संभव है। मुख्यमंत्री शर्मा के इस कदम से न केवल किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी। यह निर्णय उनके दूरदर्शी नेतृत्व और किसानों के प्रति उनके गहरे समर्पण का प्रतीक है। किसान अपनी मेहनत और परिश्रम से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करते हैं।