यूपी में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सरकार मुस्तैद-सीएम
लखनऊ, 11 जुलाई, दस्तक (ब्यूरो): जनसंख्या दिवस के मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 102-एम्बुलेंस की 2,270 यूनिटें, प्रदेश में क्रियाशील हैं। मई, 2020 तक 3.85 करोड़ लाभार्थियों को इस सेवा के माध्यम से लाभान्वित किया गया है। 108- एम्बुलेंस सेवा की 2,200 यूनिटें, प्रदेश में क्रियाशील हैं। मई, 2020 तक 1.45 करोड़ लोगों को इस सेवा से लाभान्वित किया गया है। इसके साथ ही प्रदेश में 242 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर टेलीमेडिसिन व 321 सामुदायिक केंद्रों पर टेली रेडियोलॉजी सेवाएं भी उपलब्ध हैं। इन कार्यक्रमों को प्रभावी रूप से आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार ने बहुत से प्रभावी कदम उठाए हैं।
8 ऐस्पिरेशनल जिलों में मृत्यु दर की होती है समीक्षा
उन्होंने कहा कि नीति आयोग ने 08 ऐस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट बनाए हैं। इसमें मातृ मृत्यु-दर व शिशु मृत्यु-दर के बारे में प्रत्येक माह जनपदों की समीक्षा होती है। इन जनपदों में मातृ मृत्यु-दर व शिशु मृत्यु-दर में कमी लाने के लिए जो प्रयास प्रारम्भ हुए हैं,उसके बहुत ही आशातीत परिणाम हम सबको प्राप्त हुए हैं।
वेक्टर जनित बीमारियों में 90 फीसदी तक मृत्युदर नियंत्रित करने में सफलता
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के 38 जनपद, वेक्टर जनित डिसीज से प्रभावित थे, इंसेफेलाइटिस समेत कई ऐसी बीमारियां थीं, जिनकी चपेट में आकर तमाम नवजात शिशु या फिर बच्चे असमय काल-कवलित होते थे। इसको लेकर व्यापक पैमाने पर जो कार्यक्रम चलाए गए, उनसे 90 फीसदी तक मृत्यु दर को नियंत्रित करने में हमें सफलता प्राप्त हुई।
प्रतिदिन 38 हजार तक हो रही कोरोना जांच
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने कोविड-19 पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए विगत चार माह में अनेक कार्यक्रम संचालित किए। जब पहला केस आया था तो प्रदेश में कोविड टेस्ट के लिए एक भी प्रयोगशाला नहीं थी। मगर कल तक के आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश में 38 हजार टेस्ट प्रतिदिन हो रहे हैं। यह क्षमता प्रदेश ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में विकसित की है। कोविड-19 संक्रमण के आरम्भ होने के समय से ही उत्तर प्रदेश ने विपरीत परिस्थितियों का सामना किया। लेकिन, प्रत्येक चुनौती का सफलतापूर्वक सामना करते हुए प्रदेश की 24 करोड़ जनता को सुरक्षित माहौल देने में हमें सफलता प्राप्त हुई है।
कोरोना के साथ संचारी रोगों को नियंत्रित करने की नई चुनौतियां
इस समय हमारे सामने नई चुनौतियां हैं। हमें कोविड संक्रमण को तो नियंत्रित करना ही है, साथ ही बरसात के मौसम में विषाणुजनित, संचारी रोगों को भी नियंत्रित रखना है। इसी दृष्टि से प्रदेश में एक विशेष अभियान आरम्भ हुआ है। सर्विलांस टीमों के गठन के माध्यम से मेडिकल स्क्रीनिंग की व्यापक व्यवस्था, रैपिड टेस्ट के माध्यम से प्रत्येक सस्पेक्टेड केस की जांच की जा रही है व पॉजिटिव आने पर कोविड हॉस्पिटल में इलाज की व्यवस्था की गई है।