सरकार की अगले पांच साल में ढाई लाख मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की योजना
नई दिल्ली : सरकार ने 2030 तक पांच लाख मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य हासिल करने के लिये अगले पांच साल में ढाई लाख मेगावॉट हरित ऊर्जा क्षमता जोड़ने की योजना बनाई है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने बयान में कहा कि सरकार ने अगले पांच साल में यानी 2023-24 से वित्त वर्ष 2027-28 तक हर वर्ष 50,000 मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लिये बोलियां आमंत्रित करने का फैसला किया है।
इसमें कहा गया है कि ये सालाना बोलियां अंतरराज्यीय पारेषण व्यवस्था (आईएसटीएस) से जुड़ी नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लिये होंगी। इसमें हर साल 10,000 मेगावॉट पवन ऊर्जा क्षमता सृजित करने की योजना शामिल है।
पिछले सप्ताह केंद्रीय बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने योजना को अंतिम रूप दिया। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (सीओपी 26) में हरित स्रोतों से पांच लाख मेगावॉट ऊर्जा क्षमता (नवीकरणीय और परमाणु ऊर्जा) हासिल करने की घोषणा के अनुरूप है।
देश में 28 फरवरी, 2023 की स्थिति के अनुसार, कुल नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 1,68,960 मेगावॉट है। करीब 82,000 मेगावॉट क्रियान्वयन के विभिन्न स्तरों पर और 41,000 मेगावॉट निविदा चरण में हैं।
बैठक में इस बात पर गौर किया गया कि नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को चालू होने में डेढ़ से दो साल का समय लगता है। इसको देखते हुए 2030 तक पांच लाख मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य हासिल करने के लिये 2,50,000 मेगावॉट क्षमता जोड़ने की योजना बनाई गई।
बिजली मंत्रालय पांच लाख मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता के लिये पारेषण व्यवस्था को बेहतर बनाने और नई क्षमता जोड़ने पर काम कर रहा है। बैठक में सिंह ने कहा, ‘‘भारत ऊर्जा बदलाव के क्षेत्र में प्रमुख देशों में से एक है। नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में जिस रफ्तार से वृद्धि हुई, यह उसका सबूत है। हम 2030 तक पांच लाख मेगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने के लिये प्रतिबद्ध हैं और जो बोलियों की जो योजना बनी है, वह इसे साकार करेगी।’’