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बकाया बिजली बिलों की वसूली के लिए सरकार गंभीर, एक सप्ताह में 500 करोड़ से अधिक बिजली के बिल जमा

जयपुर । सरकारी विभागोें में बिजली के बकाया बिलों के वसूली प्रयासों के एक सप्ताह में ही सकारात्मक परिणाम प्राप्त होने लगे हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस, पेट्रोलियम एवं एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने गुरुवार को विद्युत भवन में कोआर्डिनेशन कमेटी की बैठक को संबोधित करते हुए सरकारी विभागों व उपक्रमों में बकाया बिजली बिलों की वसूली के प्रयासों में और तेजी लाने के निर्देष देते हुए वसूली में सख्ती करने में किसी तरह का संकोच नहीं करने के निर्देश दिए हैं। उन्होेंने तीनों डिस्काम्स के प्रबंध संचालकों को सरकारी – गैरसरकारी संस्थाओं व उपभोक्ताओं से बिजली बिलों की वसूली की दैनिक आधार पर मोनेटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। बकाया बिजली बिल तत्काल जमा कराने पर सरकार ने बिलंव शुल्क अधिभार की छूट देते हुए करीब 532 करोड़ की राहत और वसूली के ताजा आंकड़ों के बाद एक मोटे अनुमान के अनुसार 2390 करोड़ में से अब करीब 1358 करोड़ रुपए बकाया रह गए हैं।

एसीएस एनर्जी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि उच्च स्तर पर समन्वित प्रयासों से जनता जल योजना के 305 करोड़ व पीएचईडी के बकाया बिजली बिलोें के पेटे 100 करोड़ कुल 405 करोड़ रु. प्राप्त हो गए हैं। इसके अलावा करीब 100 करोड़ रुपए की और वसूली हो गई है। इस तरह से सरकारी विभागों व उपक्रमों में अब करीब 1358 करोड़ रुपए बकाया है जिसकी वसूली की कार्यवाही जारी है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सबसे अधिक बकाया राशि नगरीय निकायों यूआईटी, नगर पालिकाओं, नगर परिषदों, नगर निगमों आदि में बकाया होने के बावजूद अभी तक वसूली में गति नहीं आने पर असंतोष व्यक्त करते हुए नगरीय निकायों सहित सरकारी विभागों व उपक्रमों से भी आग्रह किया कि वे डिस्काम्स के सार्वजनिक बिजली व्यवस्था (पीएलएस) सहित अन्य सभी बकाया बिजली बिलों को तत्काल जमा कराएं ताकि डिस्काम्स को विद्युत कनेक्शन विच्छेद करने सहित किसी तरह की अप्रिय कार्यवाही नहीं करनी पड़े। उन्होंने कहा कि सभी संबंधित विभागों व संस्थाओं से आग्रह किया कि वित्तीय वर्ष समाप्ति पर है और डिस्काम्स के बकाया बिजली बिलों की वसूली को लेकर राज्य व केन्द्र सरकार गंभीर है ऐसे में बकाया बिलों को जमा कराने को प्राथमिकता दे ताकि बिजली कनेक्शन काटने सहित किसी तरह की अप्रिय कदम से छवि पर विपरीत प्रभाव भी ना पड़े और आम नागरिकों को भी किसी तरह की असुविधा ना हो।

डॉ. अग्रवाल ने राजस्थान संपर्क पोर्टल पर दर्ज प्रकरणों के समाधान पर संतोष व्यक्त करते हुए बताया कि तीनों डिस्काम्स के दर्ज 64771 प्रकरणों में से 64268 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है वहीं तीनों डिस्काम्स के मिलाकर 503 प्रकरणों का निस्तारण बकाया है जिसे प्राथमिकता से निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि संपर्क पोर्टल पर सर्वाधिक जन अभियोग विद्युत वितरण को लेकर आए जिसमें जयपुर में 15556 में से 7 प्रकरणोें को छोडकर शेष 15549 प्रकरणों का निस्तारण कर दिया गया है। इसी तरह से जोधपुर डिस्काम के विद्युत वितरण को लेकर आए 5555 प्रकरणों में से केवल दो प्रकरणों को छोड़कर शेष सभी 5553 प्रकरणों और अजमेर के 3635 प्रकरणों में सभी प्रकरणों का निस्तारण कर दिया है। जयपुर डिस्काम में बिजली चोरी से संबंधित पोर्टल पर दर्ज 196 प्रकरणों व कपनसेशन के दर्ज 87 प्रकरणों में से सभी पर कार्यवाही की जा चुकी हैं वहीं जोधपुर डिस्काम के बिजली चोरी से संबधित पोर्टल पर दर्ज 23 प्रकरणों और ट्रांसफार्मर रिप्लेसमेंट के प्राप्त 468 प्रकरणों में से सभी पर कार्यवाही की जा चुकी है। इसी तरह से अजमेर डिस्काम के बिजली सप्लाई से संबंधित पोर्टल पर दर्ज सभी 3635 प्रकरणों का तत्काल निष्पादन किया जा चुका है। उन्होंने तीनो डिस्काम्स के 64771 प्रकरणों में से बकाया 503 प्रकरणों के भी तत्काल निष्पादन के निर्देश दिए।

चेयरमैन डिस्काम्स भास्कर ए सावंत ने बताया कि नियमित वसूली समीक्षा का परिणाम है कि एक सप्ताह में ही 505 करोड़ की राशि जमा हो गई है व राज्य सरकार से 532 करोड़ की ब्याज राहत मिली है।

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