जगदलपुर: भाजपा विधि प्रकोष्ठ के बस्तर जिला संयोजक सपन देवांगन ने प्रेस को जारी बयान कहा कि धर्मांतरण से छत्तीसगढ़ में विशेषकर अनुसूचित जनजाति समाज में तनाव बढ़ रहा है। इसलिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि छत्तीसगढ़ में लालच, धोखे, विवाह या भय से धर्मांतरण नहीं होना चाहिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ में बढ़ती ईसाई मिशनरियों द्वारा अवैध धर्मांतरण की घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होने कहा है कि जिन प्रदेशों में धर्मांतरण के विरुद्ध कठोर कानून हैं और उनका पालन हो रहा है , वहां की स्थितियां थोड़ी संभली हैं। छत्तीसगढ़ में विशेष कर बस्तर संभाग के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रो में धर्मांतरण को रोकने हेतु राज्य में एक कठोर कानून बनाने की आवश्यकता है।
उन्होने कहा कि धर्मांतरण व लव जिहाद के मामले छत्तीसगढ़ प्रदेश में बढ़ रहा है, इस पर तत्काल रोक लगनी चाहिए। धर्मांतरण को रोकने के सभी प्रयत्न संविधान के दायरे में कठोर कानून बनाकर ही किया जा सकता है। सरकार और स्थानीय प्रशासन को मिशनरियों की बजाय, अपने जनजाति समाज के साथ खड़ा होना चाहिए। जिस प्रकार जनजाति समाज की रीति-रिवाजों, परंपराओं, मान्यताओं व देवी देवताओं का अपमान व उपहास इन ईसाई मिशनरियों के द्वारा उड़ाया जा रहा है तथा जनजाति के अस्तित्व को समाप्त करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं, उसे अब और नहीं सहा जाएगा। राज्य सरकार को इस विषय को गंभीरता से लेते हुए त्वरित कदम उठाए जाने चाहिए।
सपन देवांगन ने कहा कि सुकमा एसपी की धर्मांतरण के संबंध में जारी पत्र को सरकार यदि गंभीरता पूर्वक लेती तो पूरे छत्तीसगढ़ बस्तर संभाग सहित नारायणपुर के भोले-भाले समाज को सड़कों पर नहीं आना पड़ता। जनजाति समाज के हितों की रक्षा करना राज्य सरकार का परम कर्तव्य है। तत्कालिक एसपी सुकमा ने अपने अधीनस्थ अधिकारियों को पत्र लिखकर कहा था कि स्थानीय आदिवासियों को बहला फुसला कर धर्मांतरण किया जा रहा है। ईसाई मिशनरी धर्म परिवर्तन के लिए आदिवासियों को लगातार प्रेरित कर रहे हैं।