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टारगेट किलिंग पर एक्शन में सरकार ,7500 अतिरिक्त जवान तैनात होंगे

नई दिल्ली: कश्मीर में आम नागरिकों की लक्षित हत्याओं की आतंकी घटनाओं में वृद्धि के चलते केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के 7500 से अधिक अतिरिक्त जवानों को घाटी में भेजा गया है।

अधिकारियों ने कहा कि सुरक्षा को चाक-चौबंद करने और जमीन पर बलों की तैनाती दिखने की रणनीति के तहत सीएपीएफ की नई कंपनियां घाटी भेजी गई हैं। अधिकारियों ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले महीने निर्देश दिया था कि आम नागरिकों की लक्षित हत्याओं के मद्देनजर केंद्रीय बलों की लगभग 55 नई कंपनी कश्मीर घाटी में तैनात की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कवायद की अंतिम पांच कंपनी अगले सप्ताह तक तैनात हो जाएंगी। इनमें से 25 कंपनियां केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की हैं और शेष सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हैं। सीएपीएफ की एक कंपनी में लगभग 100 कर्मी होते हैं।

सीआरपीएफ को जम्मू-कश्मीर में कानून और व्यवस्था तथा आतंकवाद रोधी दायित्व के लिए व्यापक रूप से तैनात किया गया है जिसकी लगभग 60 बटालियन (प्रत्येक में लगभग 1000 कर्मी) कश्मीर में ग्रीष्मकालीन राजधानी श्रीनगर और घाटी के अन्य हिस्सों में नियमित तैनाती में हैं।

जम्मू-कश्मीर में आम नागरिकों को निशाना बनाकर की गई गोलीबारी में एक अक्टूबर से अब तक कम से कम 14 लोगों की जान जा चुकी है। मारे गए लोगों में से पांच बिहार के मजदूर थे, जबकि दो शिक्षकों सहित तीन लोग कश्मीर के हिन्दू-सिख समुदाय से थे।

अधिकारियों ने कहा कि संयुक्त अभियान के दौरान सीआरपीएफ और अन्य सुरक्षा बलों ने इस साल केंद्रशासित प्रदेश में कुल 112 आतंकवादियों को मार गिराया और 135 अन्य को गिरफ्तार कर लिया।

घाटी में अक्टूबर के बाद से 15 नागरिकों की हत्या

अक्टूबर के बाद से घाटी में 15 नागरिकों की हत्या की गई है. इनमें कुछ गैर कश्मीरी युवक भी शामिल हैं. बताया जा रहा है कि हाल ही में पिस्टल्स से टारगेट किलिंग के मामलों में इजाफा हुआ है. ज्यादातर जवानों की तैनाती श्रीनगर में की जाएगी, जहां नागरिकों की हत्या के ज्यादा मामले सामने आए हैं. इसके अलावा सीआरपीएफ के एक शीर्ष अधिकारी ने पुष्टि की है कि घाटी में चेकिंग और तलाशी अभियान बढ़ा दिए गए हैं.

श्रीनगर में हर दिन 15000 लोगों और 8000 वाहनों की हर रोज चेकिंग की जा रही है. इस दौरान सीसीटीवी, ड्रोन समेत तमाम तकनीकियों का भी सहारा लिया जा रहा है. जिन जगहों पर अल्पसंख्यक और गैर कश्मीरी लोग रहते हैं, वहां चेकिंग ज्यादा की जा रही है.

एलजी ने की उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक

इससे पहले जम्मू में एलजी मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक हुई. इसमें उप राज्यपाल के अलावा डीजीपी, आईजी कश्मीर, एडीजीपी जम्मू और अन्य खुफिया समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारी शामिल हुए. इस दौरान घाटी में नागरिकों की मौत और आने वाले समय में उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा हुई. एलजी ने सुरक्षाबलों को नागरिकों की सुरक्षा में सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए.

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