मृतकों के परिजनों को सरकार देगी 45-45 लाख और नौकरी, हिंसा की होगी न्यायिक जांच
नोएडा: कृषि कानूनों और केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे के बीच रविवार को हिंसक टकराव में आठ लोगों की मौत के बाद उत्तर प्रदेश में बवाल मचा हुआ है। सियासी उबाल के बीच कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी लखीमपुर जाने के लिए निकलीं लेकिन उन्हें सीतापुर के हरगांव में पुलिस ने हिरासत में ले लिया। लखनऊ में धरने पर बैठे अखिलेश यादव को हिरासत में ले लिया गया है। वहीं केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय मिश्र टेनी के बेटे आशीष मिश्र के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।
यूपी के ADG प्रशांत कुमार ने बताया कि, “कल लखीमपुर खीरी में मारे गए 4 किसानों के परिवारों को सरकार 45 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी देगी। घायलों को 10 लाख रुपये दिए जाएंगे। किसानों की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज़ की जाएगी। हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज मामले की जांच करेंगे।”
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, “सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को ज़िले का दौरा नहीं करने दिया गया है। हालांकि, किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है।”
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा, “भाजपा कार्यकर्ताओं पर लाठियों और तलवारों से हमला किया गया और उनकी हत्या कर दी गई। वीडियो में दिख रहा है कि कुछ हमलावरों ने हमारे कार्यकर्ताओं से यह कहने को कहा कि मैंने उनसे किसानों को कुचलने के लिए कहा था। मेरे बेटे पर लगाए आरोप पूरी तरह से निराधार हैं। अगर वह वहां होता तो उसकी हत्या कर दी जाती।”
मंत्री ने आगे कहा, “मैं मांग करता हूं कि कल मारे गए प्रत्येक भाजपा कार्यकर्ता के परिवारों को 50-50 लाख रुपये का मुआवज़ा दिया जाए। मामले की या तो सीबीआई, एसआईटी या किसी मौजूदा/सेवानिवृत्त न्यायाधीश से जांच कराकर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”
गौरतलब है कि, लखीमपुर खीरी जिले के आसपास भारी पुलिस तैनाती और बैरिकेडिंग से जनजीवन ठप हो गया है, क्योंकि स्थानीय लोगों सहित अन्य लोगों को उस इलाके में जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है जहां रविवार को हुई हिंसा में नौ लोगों की मौत हो गई थी। लखीमपुर खीरी में रविवार को हुई घटना को लेकर राज्य की सियासत भी गरमा गई है। विपक्षी दल सरकार की घेराबंदी करने के लिए वहां जाने को बेताब दिख रहे है, प्रशासन ने पूरी मुस्तैदी से उन्हें रोकने की रणनीति बना रखी है।