नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बुधवार को कहा कि खराब प्रदर्शन वाले जिलों में घर-घर जाकर कोविड-19 टीकाकरण के लिए अगले महीने के दौरान ‘हर घर दस्तक’ अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य लोगों को घातक वायरस से बचाव के लिए पूर्ण टीकाकरण के लिए प्रेरित करना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ एक राष्ट्रीय समीक्षा बैठक के दौरान मांडविया ने कहा कि कोई भी जिला ऐसा नहीं रहना चाहिए जहां पूर्ण टीकाकरण नहीं हो।
उन्होंने कहा कि हर घर दस्तक अभियान जल्द ही खराब प्रदर्शन करने वाले जिलों में लोगों को पूर्ण टीकाकरण के लिए उत्साहित करने और प्रेरित करने के लिए शुरू होगा। आइए, हम सभी पात्र लोगों को नवंबर 2021 के अंत तक कोविड-रोधी टीके की पहली खुराक देने का लक्ष्य रखें। मांडविया ने राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को धनवंतरी जयंती के अवसर पर दो नवंबर को अभियान शुरू करने का सुझाव दिया। जानकारी के अनुसार ऐसे लगभग 48 जिलों की पहचान की गई है जहां पात्र लाभार्थियों में से 50 फीसदी से भी कम लोगों ने पहली खुराक ली है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार गुजरात में अब तक 53.3 फीसदी, कर्नाटक के फीसदी, केरल के 44.9 फीसदी, राजस्थान के 37.3 फीसदी, मध्य प्रदेश के 32.2 फीसदी और हरियाणा के 38 फीसदी लोगों को टीके दूसरी खुराक भी दी चुकी है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अगर टीका लगाने की यही रफ्तार रही तो 31 दिसंबर तक गुजरात में 85.6 फीसदी, कर्नाटक में 72.6 फीसदी, केरल में 66.1 फीसदी, राजस्थान में 51.5 फीसदी, मध्य प्रदेश में 62.5 फीसदी और हरियाणा में 58 फीसदी लोगों को दूसरी डोज लगाई जा सकती है।
बता दें कि देश में अब तक 1 अरब 4 करोड़ 86 लाख 82 हजार 689 खुराक दी जा चुकी हैं। कोविन पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार इसमें से 72 करोड़ 80 लाख 82 हजार 38 पहली खुराक दी गई है जबकि 32 करोड़ 6 लाख 561 दूसरी खुराक दी गई है। देश में अब तक 78 करोड़ 88 लाख 83 हजार 537 लोगों ने वैक्सीनेशन के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है जिसमें से 18-44 की उम्र वाले 47 करोड़ 91 लाख 57 हजार 935 लोग और 45+ के 30 करोड़ 97 25 हजार 602 लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
साथ ही केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को भेजे पत्र में कहा कि कोविड-19 के प्रसार को रोकने के लिए मौजूदा प्रोटोकॉल 30 नवंबर तक जारी रहेंगे। उन्होंने पिछले महीने कहा था कि ऐसी आशंका है कि कोविड-उपयुक्त व्यवहार का कड़ाई से पालन नहीं किया जाए, खासकर त्योहारों के दौरान और इसलिए दिशानिर्देशों को लागू करना महत्वपूर्ण है। भल्ला ने कहा था कि देश में दैनिक मामलों और कुल मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है, लेकिन कुछ राज्यों में वायरस का स्थानीय प्रसार हुआ है और देश में कोविड-19 एक सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौती बनी हुई है।
गृह सचिव ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को नियमित रूप से अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाले हर जिले के मामले की सकारात्मकता, अस्पताल, आईसीयू में भर्ती मरीजों की संख्या की बारीकी से निगरानी करनी चाहिए।