रायपुर : शराब घोटाले पर सरकार ने सख्ती करते हुए आबकारी विभाग ने चार अधिकारियों और तीन देसी शराब निर्माता कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में भ्रष्टाचार, रिश्वत के लेन-देन और अवैध बिक्री में अधिकारियों और शराब निर्माता कंपनियों की मिलीभगत को लेकर जवाब मांगा गया है। और स्पष्ट किया है कि संतुष्टिजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी। आबकारी आयुक्त जनक प्रसाद पाठक ने कहा कि आबकारी शुल्क और अन्य करों का भुगतान किए बगैर मदिरा की निकासी और रिश्वत लेने-देने की शिकायत के आधार नोटिस जारी किया गया है।
प्रदेश में दो हजार करोड़ के कथित शराब घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने कोर्ट में 13000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच जुलाई को राजधानी के साइंस कालेज मैदान में आयोजित सभा में शराब घोटाले को लेकर सरकार की भूमिका पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था कि शराब घोटाले में कई नेता-मंत्री के नाम उजागर हो रहे हैं। सरकार ने शराबंदी की कसम खाई थी, लेकिन 2000 करोड़ से ज्यादा का घोटाला कर दिया।
इसके जवाब में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि आबकारी विभाग ने डिस्टलर को नोटिस जारी किया है। भाजपा वाले डिस्टलर का नाम क्यों नहीं लेते? कोई सेटिंग हो गई है क्या? रमन सरकार में शराब में 3900 करोड़ रुपये का राजस्व मिलता था, अब 6500 करोड़ रुपये हो गया है। मुख्यमंत्री बघेल के बयान के बाद विभाग ने फैक्ट्री मालिक और अधिकारियों को नोटिस जारी किया है।