लखनऊ

लोकगायिका पद्मभूषण शारदा सिन्हा को राज्यपाल ने दिया लोक निर्मला सम्मान

लखनऊ : उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के कोने-कोने में बुधवार की शाम लोक इंद्रधनुषी रंग बिखरे हुए थे। यह रंग तब और गहरे हो उठे जब पद्मभूषण, पद्मश्री लोकगायिका शारदा सिन्हा मंच पर पहुंचीं और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें लोक निर्मला सम्मान 2022 से अलंकृत किया। सम्मान स्वरूप उन्हें स्मृति चिन्ह, अंगवस्त्र एवं एक लाख रुपये का चेक भेंट किया गया। राज्यपाल ने अपने संबोधन में लोक कला के संवर्धन को जरूरी बताया। सोन चिरैया की सचिव मालिनी अवस्थी ने अंगवस्त्र व पुष्पगुच्छ भेंट कर राज्यपाल का अभिनंदन किया। इस दौरान पर्यटन व संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, परिवहन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार दयाशंकर सिंह, सीजीएम एसबीआई अजय खन्ना, सोन चिरैया की अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. विद्या बिंदु सिंह समेत शहर के प्रमुख कलाकार, गणमान्य नागरिकों ने शिरकत की। मालिनी अवस्थी ने बताया कि यह पुरस्कार उन्होंने अपनी मां की स्मृति में शुरू किया है। यह तीसरा वर्ष है आयोजन का। कार्यक्रम का संचालन ऋचा अनिरुद्ध ने किया।

लोक संस्कृति हमारी जीवंत परंपरा, इसके विकास की जरूरत : आनंदीबेन

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शारदा सिन्हा और हाल ही में पद्मश्री से सम्मानित डॉ. विद्या बिंदु सिंह को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लोक संस्कृति हमारी जीवंत परंपरा है। इसका प्रचार-प्रसार और विकास करने की जरूरत है। उन्होंने इसे जीवन शैली का अभिन्न अंग बताया। कहा कि इसका सबसे जीवंत रूप हमारे घरों में शादी-विवाह, जन्मदिन जैसे उत्सवों पर गाए जाने वाले संगीत व नृत्य में देखने को मिलता है। उन्होंने लोक कला व संस्कृति के संवर्धन के लिए सोनचिरैया के कार्यों की सराहना की। सोन चिरैया संस्था द्वारा देशभर में मनाए जा रहे अमृत महोत्सव के क्रम में देश भक्ति गीतों की ऑडियो-वीडियो प्रतियोगिता का आयोजन किया था। इसमें विजयी राजगढ़ जिले के रामकुमार सोनी व कृष्ण कुमार सोनी को प्रथम, पन्ना जिले की वेदिका मिश्रा को द्वितीय और गोरखपुर की हृदया को तीसरा पुरस्कार मिला।

…और जब शारदा ने खुद संभाला मंच

लोक गायिका शारदा सिन्हा पहले दर्शक दीर्घा में बैठ कलाकारों की प्रस्तुतियों का आनंद लेतीं रहीं और उनका उत्साह वर्धन करतीं रहीं। सम्मान समारोह की परंपरा का निर्वहन होने के बाद उन्होंने खुद मंच संभाला तो दर्शक दीर्घा से तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी। उन्होंने छठ गीत जगदंबा घर में दियरा… सुनाकर माहौल में भक्ति रस घोला और यह साबित कर दिया कि कंठ से निकले बोल यदि शारदा सिन्हा के हों तो संगीतप्रेमी उन्हें घंटों सुन सकते हैं। उनकी पुत्री वंदना ने सह प्रस्तुति दी। कार्यक्रम की शुरुआत में मंच पर कलाकारों ने अनेकों प्रस्तुतियां दीं। लोक निर्मला सम्मान समारोह के लिए विशेष रूप से आमंत्रित ब्रज के कलाकारों ने चरकुला नृत्य प्रस्तुत किया। इस नृत्य में बांके बिहारी की जय करतीं तीन महिला कलाकारों ने एक साथ पचासों दीयों से जगमग करती थाल सिर पर रखकर नृत्य किया। दूसरी खास प्रस्तुति में बुंदलेखंड के कलाकारों ने बरेदी नृत्य प्रस्तुत कर समां बांधा।

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