राम की ससुराल जनकपुर में भी भव्य उत्सव
–पटना से दिलीप कुमार
अयोध्या में होने वाले दिव्य और भव्य आयोजन का हर कोई साक्षी होना चाहता है। इस अद्भुत क्षण को आंखों में समा लेना चाहता है। भगवान राम अपने घर में विराजेंगे, इसे देखने की उत्सुकता उनकी ससुराल व माता जानकी के मायके मिथिला में भी है। राजा जनक की राजधानी और पौराणिक भूमि नेपाल के जनकपुर में भी इसे लेकर भव्य उत्सव का आयोजन होगा। इस अवर्णनीय मनमोहक अवसर को लेकर यहां उत्सव का माहौल है। माता सीता की जन्मस्थली सीतामढ़ी से लेकर नेपाल के जनकपुर में भव्य तैयारी चल रही है। यहां से बड़ी संख्या में लोग अयोध्या पहुंचेंगे। इसके साथ ही जनकपुर से अयोध्या के लिए उपहार भी भेजा जाएगा। साधु-संतों की टोली इसे लेकर अयोध्या रवाना होगी। अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य और दिव्य मंदिर बन रहा है। प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम 22 जनवरी को निर्धारित है। इसे लेकर लेकर मिथिला के घर-घर में तैयारी चल रही है। प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन दीपोत्सव होगा।
इसके अलावा जनकपुर से ‘अयोध्या भार समर्पण यात्रा’ का आयोजन होगा। इसमें अयोध्या उपहार जाएगा। उपहार एक हजार से अधिक होंगे। इनमें से पांच सौ श्रीराम मंदिर एवं पांच सौ अयोध्या के विभिन्न मंदिरों व कुटियों को समर्पित किया जाएगा। उपहार में गृहप्रवेश से संबंधित सभी सामग्री सहित सोने व चांदी से जड़ित थाल में प्रभु श्रीराम की चरणपादुका शामिल होगी। चरणपादुका भी सोने-चांदी से बनी होगी। इसके साथ ही प्रभु श्रीराम व माता सीता के लिए चांदी की थाली, कटोरा, गिलास व लोटा सहित घरेलू उपयोग के सभी बर्तन होंगे। प्रभु श्रीराम व माता जानकी के लिए सभी फर्नीचर व परिधान भी रहेंगे। साथ ही मिथिला का खजुरिया, पिरिकिया, दही-चूड़ा, बालूशाही, बताशा, विभिन्न प्रकार के फल, परिधान व अन्य वस्त्र, पलंग, कुर्सी व अन्य फर्नीचर, अनाज, पूजा सामग्री भी शामिल होगी।
यात्रा चार जनवरी को जनकपुर से प्रस्थान करेगी और बीरगंज से भारत में प्रवेश करेगी। पश्चिम चंपारण, कुशीनगर व गोरखपुर के रास्ते अयोध्या पहुंचेगी। 1100 लोगों की समिति समर्पण यात्रा के लिए बनी है। जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास इस समिति के अध्यक्ष हैं। वह कहते हैं कि इस यात्रा से दोनों देशों के बीच संबंध में मधुरता बढ़ेगी। अपनी बेटी-दामाद का घर देखने बड़ी संख्या में मिथिलावासी अयोध्या जाएंगे। महंत राम रोशन का कहना है कि भव्य मंदिर में मिथिला के दामाद की प्राण प्रतिष्ठा गौरव की बात है। यह मिथिलावासियों के लिए हर्ष का विषय है। राम रोशन दास का कहना है कि अयोध्या में राम मंदिर के अभिषेक के लिए वहां से निमंत्रण मिला है। इसे लेकर वैदिक संस्कृति का पालन करते हुए तैयारियां की जा रही हैं।
स्मरण स्थलों पर भव्य तैयारी
नेपाल के जनकपुर से लेकर बिहार में बहुत से ऐसे स्थल हैं जो भगवान श्रीराम और माता सीता से जुड़े हैं। इन सभी स्थलों पर भव्य आयोजन होगा। इन स्थानों में सबसे प्रमुख पुनौरा धाम है। सीतामढ़ी का यह स्थान माता जानकी का प्राकट्य स्थल है। इसके अलावा सीतामढ़ी का ही हलेश्वर स्थान है, जहां अकाल से मुक्ति के लिए राजा जनक ने शिर्वंलग की स्थापना कर हलेष्टि यज्ञ किया था। इसके अलावा पंथपाकड़, दरभंगा का अहिल्या स्थान, मधुबनी का कल्याणेश्वर स्थान, फुलहर, मटिहानी, करुणा, विशौल, पूर्वी चंपारण का सोमेश्वरनाथ महादेव मंदिर, सीता कुंड, शिवहर का देकुली धाम और कस्तूरिया मठ सहित अन्य स्थल हैं। इन सभी जगहों पर दीपोत्सव होगा।
नेपाल भी राममय, घर-घर जलेंगे दीप
खुशी इस कदर है कि प्राण प्रतिष्ठा वाले दिन मिथिला में दीपावली मनेगी। घर-घर दीप जलाए जाएंगे। इसके लिए नेपाल के जनकपुर के अलावा सीतामढ़ी, मधुबनी, पूर्वी चंपारण, दरभंगा, समस्तीपुर, पश्चिम चंपारण सहित अन्य जिलों में तैयारी चल रही है। अयोध्या से पहुंचे अक्षत का वितरण घर-घर किया जा रहा है। मां जानकी की जन्मभूमि सीतामढ़ी में ही 10 लाख दीप जलाने की तैयारी है। सिर्फ बजरंग दल ने करीब एक लाख घरों में पांच-पांच दीप वितरण का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा भाजपा की ओर से मां जानकी प्राकट्य स्थली पुनौराधाम में विशेष उत्सव की तैयारी है। मंदिर सहित बूथ स्तर पर भाजपा की ओर से दीपोत्सव किया जाएगा।