कतर की जेल में बंद भारत के पूर्व नौसैनिकों की रिहाई पर जगी बड़ी उम्मीद
दोहा : हर किसी को इंतजार है कि कतर की जेल में बंद भारतीय नौसेना के आठ पूर्व अधिकारी अपने देश कब वापस लौटेंगे। सूत्रों की मानें तो जल्द ही देशवासियों को और उनके परिवारवालों को अच्छी खबर सुनने को मिल सकती है। ये अधिकारी पिछले एक साल से जेल में बंद हैं। पिछले साल सितंबर में आठ नौसैनिकों को कतर के गृह मंत्रालय ने दोहा में बंदी बना लिया गया था। कतर के स्थानीय कानूनों के तहत उन पर मुकदमा चलाया जा रहा है। सुनवाई की अगली तारीख अब तीन अक्टूबर तय की गई है।
सूत्रों का कहना है कि जहां तक उनके न्यायिक मुकदमे का सवाल है तो चीजें सही दिशा में आगे बढ़ रही हैं और नवंबर तक उनके स्वदेश वापस आने की उम्मीद है। 30 अगस्त 2022 की आधी रात को कतर की अथॉरिटीज ने इन आठों रिटायर्ड अधिकारियों को गिरफ्तार किया था। इन अधिकारियों को एक्सरसाइज के बहाने से उनके घर से पकड़ा गया था। ये सभी डहरा कंसल्टेंसी फर्म के साथ जुड़े थे। तब से ही ये जेल में बंद हैं और कतर के सख्त कानूनों के तहत मुकदमे का सामना कर रहे हैं।
दिलचस्प बात है कि अक्टूबर 2022 में इन आठों पूर्व अधिकारियों को कतर के गृह मंत्रालय ने अपना बैग पैक करने और भारत वापस जाने की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद ये सभी अपने दोहा स्थित घर वापस आ गए। लेकिन जिस समय ये अगले आदेश की प्रतीक्षा कर रहे थे उन्हें जेल में वापस डाल दिया गया। तब से ही उनके सूटकेस भी उनके साथ जेल की कोठरी में हैं। सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि उन्हें इस बात की कोई जानकारी नहीं हैं कि इस बीच में क्या हुआ और क्यों अचानक यह यू-टर्न लिया गया।
बताया जा रहा है कि पिछले कुछ महीनों से ये नौसैनिक एकांत कारावास में नहीं हैं। इससे इन आठों के मानसिक स्वास्थ्य में सुधार हुआ है क्योंकि अब उनके पास बात करने के लिए कोई है। उम्मीद जताई गई है कि इस बार चीजें सही दिशा में आगे बढ़ेंगी और उन्हें घर वापस भेज दिया जाएगा ताकि ये अपने परिवार के साथ दिवाली मना सके। कतर ने इन अधिकारियों पर आरोप लगाया था कि वो उसके पनडुब्बी प्रोग्राम की जासूसी कर रहे थे और इजरायल को जानकारियां मुहैया करा रहे थे।