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रसायन मुक्त फल एवं सब्जी घर की छतों पर उगायें

लखनऊ: शहर में बढ़ते वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण एंव कीटनाशक रसायन से मुक्त फल एवं सब्जियों की काश्तकारी को शहरों मे घर की छत एवं टैरेस पर उपलब्ध स्थान पर कंटेनर में फल उगाने की वैज्ञानिकों ने जानकारी को साझा किया और कृषि के छात्रों को स्व उद्यमिता के बढ़ावा देने हेतु केन्द्रीय उपेष्ण बागवानी संस्थान ने एक दिवसीय वर्कशाप का आयोजन किया. रूफ टॉप गार्डनिंग विषय पर आयोजित एक दिवसीय वर्कशाप मे करीब 150 लोगों ने भाग लिया. वर्कशॉप का उद्घाटन केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान तेलीबाग, लखनऊ के निदेशक शैलेंद्र राजन ने किया एवं छत पर कंटेनर में फलों की काश्तकारी की बारीकियॉ साझा की. समारोह में विशिष्ट अतिथि डा.डीके श्रीवास्तव (संयुक्त निदेशक, यूपी विज्ञान एवं तकनीकी परिषद) ने कहा कि परिषद इस तरह के आयोजन कर शहरवासियों को घर की छतों पर रूफ टॉप गार्डनिग हेतु प्रोत्साहित करेगा.
उन्होंने केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान द्धारा कंटेनर में फलों की काश्तकारी पर किए शोध कार्यो को सराहा.  आयोजनकर्ता डा.केके श्रीवास्तव (प्रधान वैज्ञानिक एवं कंटेनर गार्डनिंग परियोजना के मुख्य वैज्ञानिक) ने बताया कि लगभग 366 वर्ग किलोमीटर में फैले लखनऊ में 20 प्रतिशत की दर से छतों का क्षेत्रफल रूफ टाप गार्डनिंग के लिए प्रयोग हो तो लगभग 60 वर्ग किमी. से अधिक छतों का उपयोग फल पौध लगाने हेतु मौजूद रहेगा जिसमें लाखों की संख्या में फल पौधों को समायोजित करके पोषण जरूरत को पूरा किया जा सकता है. डा. श्रीवास्तव ने कंटेनर में फल पौधों की काश्तकारी हेतु फल की किस्मों का चयन, जल प्रबंधन, सघाई एवं काट-छॉट पर विस्तृत जानकारी दी. डा.श्यामराज ने घर की छतों, बालकनी एवं खिड़कियों पर उपलब्ध स्थान पर सब्जी उगानें हेतु मीडिया बनाने, पोषण, उत्तम बीज एवं प्रजातियों की जानकारी दी. डा.आरएम ने घर से निकलने वाले कूड़े कचडे़ का प्रबंधन कर उससे बने कम्पोस्ट का प्रयोग रूफ टॉप गार्डनिंग में के तरीके बताये तथा कीट वैज्ञानिक डा.गुन्डप्पा ने रूफ टॉप गार्डनिंग में लगने वाले कीटों एवं व्याधियों के जैविक विधि द्वारा प्रबंधन की बारीकियॉ बताई.

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