पश्चिम बंगाल को छोड़कर सभी राज्य सरकारों ने एक जुलाई सेजीएसटी व्यवस्था लागू करने पर सहमति जताई है. देश में एक जुलाई से लागू होने वाली वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत सोने और सोने से बने गहने की खरीदारी कुछ महंगी होगी जबकि 1,000 रुपए तक कीमत वाले कपड़े सस्ते होंगे. आम आदमी के उपयोग वाले चप्पल, जूते भी नई कर व्यवस्था में सस्ते होंगे.
जानिये क्या कहते हैं आज आपके सितारे, दिनांक – 05 जून, 2017, दिन – सोमवार
वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी परिषद की बैठक में ये तय किया गया कि किन वस्तुओं पर जीएसटी लगाना है और किन वस्तुओं पर नहीं. जानें कौन सी हैं वो चीजें:
– पैकिंग वाले ब्रांडेड खाद्य उत्पादों पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाना तय किया है.
-बीड़ी पर 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा
-बीड़ी बनाने में काम आने वाले तेंदू पत्ता की बिक्री पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा. हालांकि बीड़ी पर सिगरेट की तरह कोई उपकर नहीं लगाया जाएगा.
-परिषद में लिए गये फैसले के मुताबिक सभी तरह के बिस्कुट पर 18% की दर से जीएसटी लगेगा.
– 500 रुपए तक कीमत वाले फुटवियर पर 5% दर से जीएसटी लगेगा
-500 से अधिक मूल्य वाले चप्पल-जूते खरीदन पर 18% की दर से जीएसटी लगाया जाएगा.
-कपड़े की कैटेगिरी में रेशमी और पटसन फाइबर को जीएसटी से मुक्त रखा गया है.
-कपास और प्राकृतिक रेशे और सभी तरह के धागे पर 5% की दर से जीएसटी लगाया जाएगा.
-मानव-निर्मित फाइबर और धागा हालांकि, 18 प्रतिशत जीएसटी की श्रेणी में आएगा.
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-सभी तरह के कपड़े पर पांच प्रतिशत की दर से जीएसटी लगेगा जबकि 1,000 रुपए तक के मानव-निर्मित परिधानों पर पांच प्रतिशत की निम्न दर से जीएसटी लागू होगा. फिलहाल इस पर 7% की दर से कर लगता है.
-एक हजार रुपए से अधिक मूल्य के कपड़ों पर 12 % की दर से जीएसटी लगेगा.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैठक के बाद कहा कि फुटवियर और कपड़े के मामले में काफी बड़ी राहत दी गई है. उन्होंने कहा कि परिषद की अगली बैठक 11 जून को होगी जिसमें एक जुलाई से जीएसटी लागू करने की तैयारियों की समीक्षा की जाएगी.
जीएसटी परिषद की 15वीं बैठक में बिना तराशे हीरों पर 0.25 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाने का भी फैसला किया गया.
-कृषि उपकरणों के लिए पांच और 12 % की दो दरें रखीं गई. इसके अलावा परिषद ने परिवर्तनकारी समय और रिटर्न फॉर्म के बारे में भी नियमों को मंजूरी दी. जीएसटी लागू होने पर परिवर्तन के दौर संबंधी नियमों में संशोधन का भी फैसला किया.
इसमें जहां कर की दर 18 प्रतिशत से अधिक है उसमें व्यापारियों और खुदरा विक्रेताओं को सीजीएसटी और एसजीएसटी बकाये के समक्ष 60% के लिए दावा करने की अनुमति दी गई है. जहां कर की दर 18 प्रतिशत से कम होगी उसमें बकाया 40 प्रतिशत के लिए दावा किया जा सकेगा.
जीएसटी लागू होते समय बदलाव के दौर में कंपनियां भी लागू होने से पहले के अपने स्टॉक पर दी गई उत्पाद शुल्क में केन्द्रीय जीएसटी बकाये के तहत 40 प्रतिशत तक के क्रेडिट का दावा कर सकती हैं.
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि टीवी, फ्रिज और कर चेसिस जैसे श्रंखलाबंद्ध नंबर और विनिर्माता के ब्रांड नाम वाले 25,000 रुपए से अधिक मूल्य के उत्पादों पर सरकार 100 प्रतिशत उत्पाद शुल्क रिफंड करेगी.
सीएसडी कैंटीन के बारे में जेटली ने कहा, चूंकि इसमें मौजूदा मूल्य स्तर बनाए रखा जाएगा, इसलिये वर्तमान स्थिति को ही जिसमें उन्हें कराधान में आधे का लाभ दिया जाता है, उसे बनाए रखा जाएगा. जीएसटी में उत्पाद शुल्क, सेवाकर और वैट सहित केन्द्र और राज्य में लगने वाले 16 विभिन्न करों को समाहित कर लिया जाएगा. इसके साथ ही पूरा देश साझा बाजार बन जाएगा.