देश में एक जुलाई से लागू होने जा रहे जीएसटी के खिलाफ कारोबारी दुकानें बंद कर सड़कों पर उतर आए हैं। जानिए उनकी मांगें क्या हैं…देश में एक जुलाई से लागू होने जा रहे वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के से आशंकित पंजाब के लुधियाना के फर्नीचर एवं कपड़ा कारोबारियों ने मंगलवार को हड़ताल रखी।
उमस भरी गर्मी में कारोबारियों ने सड़कों पर उतर कर रोष मार्च किया और प्रधानमंत्री मोदी एवं वित्त मंत्री अरुण जेतली के पुतले फूंके। कपड़ा कारोबारी पांच फीसदी जीएसटी लगाने का विरोध कर रहे हैं, जबकि फर्नीचर व्यापारी जीएसटी में 28 फीसदी की प्रस्तावित उच्च दर से परेशान हैं। उनकी मांग है कि जीएसटी में फर्नीचर पर कर की दर पांच फीसदी और कपड़े को जीएसटी मुक्त किया जाए।
पटियाला: कपड़े पर पांच फीसदी जीएसटी लागू होने के विरोध में मंगलवार को सभी कपड़े की दुकानें बंद रहीं। यह बंद तीन दिनों तक चलेगा। पहले दिन शेरे पंजाब मार्केट समेत करीब सभी कपड़े की दुकानें बंद रहीं। इस दौरान कपड़ा व्यापारियों ने सड़कों पर उतर कर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। गुस्साए कपड़ा दुकानदारों ने कहा कि जब तक उनकी आवाज जीएसटी के विरोध में सरकार के कानों तक नहीं पहुंचती है, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि सरकार उनके साथ धक्का कर रही है।
अबोहर: भारत सरकार की ओर से एक जुलाई से लागू किए जा रहे किए जा रहे जीएसटी के तहत खाद पर 12 प्रतिशत व कीटनाशक दवाओं पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाए जाने के विरोध में मंगलवार को पूरे राज्य में पेस्टीसाईड एवं फर्टीलाईजर डीलर एसोसिएशन ने कारोबार बंद रखा। साथ ही प्रशासन को मांगपत्र सौंपकर दोनों कृषि उत्पादों को जीएसटी से मुक्त करने की मांग की।
बठिंडा: जीएसटी के विरोध में मंगलवार को शहर के कपड़ा व्यापारियों ने तीन दिन की हड़ताल पर जाने का एलान कर दिया। इस वजह से लाखों का कारोबार तीन दिन के लिए पूरी तरह से ठप्प हो जाएगा। कपड़ा व्यापारी सतवीर सिंह का कहना था कि मोदी सरकार ने अच्छे दिनों के नाम पर वोट मांगे थे, लेकिन अच्छे दिन तो सरकार ने क्या लाने थे। उल्टा जीएसटी जैसा बिल लागू कर व्यापारियों के बुरे दिन लाने शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने से उनके व्यापार पर बहुत बुरा असर पडे़गा। इसके चलते व्यापारी सड़कों पर आ जाएंगे।