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केंद्रीय शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने इस बारे में सभी राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें दो टूक शब्दों में कहा गया है कि राज्य फ्लैट खरीददारों के हितों की रक्षा करें।
सरकार को मिल रही थी बिल्डरों के खिलाफ शिकायत
दरअसल, केंद्रीय बोर्ड ऑफ एक्साइज एंड कस्टम (सीबीईसी) में कई राज्यों से शिकायतें आ रही हैं कि बिल्डर खरीददारों पर अतिरिक्त रकम देने का दावा डाल रहे हैं। इसके लिये दलील जीएसटी की दी जा रही है। बिल्डरों की तरफ से कहा जा रहा है कि बायर्स या तो एक जुलाई से पहले फ्लैट की पूरी रकम जमा कर दें या जीएसटी लागू होने के बाद उन्हें अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा।
फ्लैट नहीं निर्माण सामग्री पर लगेगा टैक्स
इस मसले का संज्ञान लेते हुये केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने सभी राज्यों को निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि बिल्डर की मांग जीएसटी कानून के खिलाफ है। रियल एस्टेट सेक्टर के लिये 12 फीसदी का स्लैब प्रस्तावित है लेकिन यह फ्लैट की कीमत पर नहीं लगेगा, बल्कि यह भवन निर्माण सामग्री पर लगेगा। ऐसी हालत में बिल्डर खरीददारों से अतिरिक्त रकम की मांग नहीं कर सकता है।
वेंकैया नायडू ने कहा है कि सभी राज्य यह सुनिश्चित करें कि बिल्डर खरीददारों से जीएसटी के नाम पर अतिरिक्त रकम की मांग न करे। नायडू ने इस मामले में बिल्डर एसोसिएशन से भी सहयोग की अपील की है।