रायपुर ; कन्फेडरेशन आॅफ आॅल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के लगातार प्रयत्नों से कल केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने बिना ब्रांड वाले खाद्यान तथा अन्य उत्पादों पर जीएसटी लगाए जाने पर एक स्पष्टीकरण जारी किया है जिसमें साफ किया गया है की यह टैक्स केवल 25 किलो तक की पैकिंग पर ही लगेगा। 25 किलो से ऊपर की पैकिंग पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस स्पष्टीकरण से थोक विक्रेता जीएसटी से बाहर हो जाएँगे जो एक बड़ी राहत होगी। वहीँ जो लोग इस टैक्स के दायरे में आएंगे उनके दिए हुए टैक्स का इनपुट क्रेडिट मिल जाएगा वहीं लूस माल देने पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। इस बड़ी राहत के लिए कैट ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण, जीएसटी कॉउन्सिल और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष विवेक जौहरी को धन्यवाद दिया है की उन्होंने कैट द्वारा उठाये गए मुद्दों पर स्पष्टीकरण देकर मामले को सरल बना दिया।
कैट के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी एवं प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी ने बताया की आज से कुछ अनेक वस्तुओं पर 5 प्रतिशत या उससे अधिक कर लग रहा है जिससे इन वस्तुओं के महँगे होने की पूरी संभावना है जिसका बोझ सीधे तौर पर आम आदमी पर पड़ेगा।
श्री पारवानी एवं दोशी ने बताया की आज से सभी प्रकार के सूखे एवं तरल खाद्यान्न सहित पैक्ड दही, लस्सी, बटर मिल्क होंगे मँहगे क्योंकि इन वस्तुओं पर अब 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो कि पहले नहीं था। चेकबुक जारी किये जाने पर बैंकों की ओर से लिये जाने वाले शुल्क पर अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगी। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल्स में 5000 रुपये (गैर आईसीयू) से अधिक किराये वाले कमरों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लगेगी। होटलों के 1000 रुपये प्रति दिन से कम किराए वाले रूम पर जीएसटी 12 प्रतिशत लगेगी जो कि अब तक नहीं थी। एलईडी लाइट्स, एलईडी लैंप पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगी जो कि पहले नहीं लगती थी। ब्लेड, कैंची, पेपर, पेंसिल्स शार्पनर, चम्मच, कांटे वाले चम्मच, स्किमर्स व केक सर्वर्स इत्यादि वस्तुओं जिन पर पहले 12 प्रतिशत जीएसटी लगता था अब 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
उधर कैट ने जीएसटी में आमूल चूल परिवर्तन हेतु जीएसटी कानून एवं नियमों की नए सिरे से समीक्षा कर एक नया जीएसटी कानून एवं उसके नियम बनाने की माँग को लेकर आगामी 26 जुलाई से एक देशव्यापी आंदोलन छेड?े की घोषणा की है जिसकी शुरूआत मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल से शुरू होगी।