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GST की फुल फॉर्म नहीं जानते बीजेपी के ये सांसद
देशभर में जीएसटी की गूंज सुनाई पड़ रही है। जिसके मुंह से सुनो वही इसकी बातें कर रहा है। लेकिन योगी सरकार के ये मंत्री तो जीएसटी की फुल फॉर्म तक बताने में फेल हो गए। कहने को यही मंत्री जीएसटी लागू होने से पहले जनता को इसकी अच्छाईयां बताने सड़कों पर निकले थे लेकिन वास्तविकता क्या है ये खुद मंत्री जी ने साबित कर दिया।
जीएसटी की फुल फॉर्म बताने में पहले योगी सरकार के समाज कल्याण मंत्री रमापति शास्त्री फंसे। जिनका एक वीडियो वायरल हुआ। इसमें वे GST (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) का फुल फॉर्म नहीं बता पा रहे थे। तो अब ऐसा ही एक वीडियो उत्तर प्रदेश के उन्नाव से बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का सामने आया है। उन्नाव में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान जब साक्षी महाराज से पत्रकारों ने जीएसटी का फुलफॉर्म पूछा तो वे इसे बताने में फेल हो गए। बता दें, 1 जुलाई से नया टैक्स सिस्टम जीएसटी लागू हो गया है।
बीजेपी सांसद शनिवार को अपने संसदीय क्षेत्र उन्नाव में प्रेस कांफ्रेंस कर रहे थे। इस दौरान वे जीएसटी की बड़ाई कर रहे थे। इसी बीच एक पत्रकार ने उनसे पूछ लिया जीएसटी का फुल फॉर्म क्या है? इसके जवाब में साक्षी महाराज ने कहा- जीएसटी का…ये एकल व्यवस्था है, केवल सारे करों को इकट्ठा करके इनकम टैक्स देने की व्यवस्था है।
योगी के मंत्री भी नहीं बता पाए थे फुल फॉर्म, सिर्फ कहा था- पता है…पता है
बता दें, इससे पहले योगी के मंत्री रमापति शास्त्री भी जीएसटी का फुलफॉर्म नहीं बता पाए थे। रामापति शास्त्री गुरुवार को महाराजगंज के कलेक्ट्रेट सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस दौरान वे जीएसटी को लेकर चर्चा कर रहे थे। इसी बीच एक पत्रकार ने उनसे जीएसटी का फुल फॉर्म पूछ लिया। इसके बाद मंत्री जी ने कहा- ”जीएसटी का फुल फॉर्म है…और इतना कहकर मंत्री रुक गए। फिर बोले- पता है…पता है।” इस दौरान मंत्री को पीछे से कई लोग सुझाव भी दे रहे हैं। वीडियो में सुनाई दे रहा है कि पीछे से एक आदमी मंत्री जी को फुल फॉर्म बताने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वो भी गलत जानकारी दे रहा है। वो शख्स जीएसटी को ‘गवर्नमेंट सर्विस टैक्स’ बता रहा है।
जीएसटी की फुल फॉर्म ‘गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स’ है। इसे आप आसानी से ऐसे समझ सकते हैं…
केंद्र और राज्यों के 17 से ज्यादा इनडायरेक्ट टैक्स के बदले में जीएसटी को लागू किया गया है। ये एक ऐसा टैक्स है, जो देश भर में किसी भी गुड्स या सर्विसेज की मैन्युफैक्चरिंग, बिक्री और इस्तेमाल पर लागू होगा। इसके लागू होने पर अब कई टैक्स खत्म हो जाएंगे जैसे एक्साइज ड्यूटी, सेंट्रल सेल्स टैक्स (सीएसटी), राज्य स्तर पर सेल्स टैक्स यानी वैट, एंट्री टैक्स, लॉटरी टैक्स, स्टैंप ड्यूटी, टेलिकॉम लाइसेंस फी, टर्नओवर टैक्स, बिजली के उपयोग या बिक्री पर लगने वाले टैक्स, गुड्स के ट्रांसपोर्टेशन पर लगने वाला टैक्स इत्यादि। सरल शब्दों में कहें ताे जीएसटी पूरे देश के लिए इनडायरेक्ट टैक्स है, जो भारत को एक समान बाजार बनाएगा। जीएसटी लागू होने पर सभी राज्यों में लगभग सभी गुड्स(सामान) एक ही कीमत पर मिलेंगे। अभी एक ही चीज के लिए दो राज्यों में अलग-अलग कीमत चुकानी पड़ती है। इसकी वजह अलग-अलग राज्यों में लगने वाले टैक्स हैं। इसके लागू होने के बाद देश बहुत हद तक सिंगल मार्केट बन जाएगा।