Happy B’day: एशिया के सबसे अमीर इंसान हैं मुकेश अंबानी, पिता की मौत के बाद खड़ा किया खुद का साम्राज्य!
नई दिल्ली : देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के चेयरमैन मुकेश अंबानी का आज जन्मदिन है. 19 अप्रैल 1957 को जन्मे मुकेश अंबानी शुक्रवार को 67 साल के हो गए. उनका जन्म भले ही भारत के बाहर यमन में हुआ, लेकिन देश में उन्होंने अपनी काबिलियत और मेहनत की दम पर ऐसा कारोबारी साम्राज्य स्थापित किया, जिसका दुनिया में डंका है. आज मुकेश अंबानी भारत ही नहीं एशिया के सबसे अमीर इंसान हैं और दुनिया के टॉप अरबपतियों की लिस्ट में 11वें पायदान पर काबिज हैं।
Reliacne का कारोबार आज रिटेल से लेकर फाइनेंस समेत तमाम सेक्टर्स में फैला है और मार्केट कैप के मामले में बड़ी-बड़ी फर्में पीछे हैं. पढ़ाई छोड़कर अपने पिता के बिजनेस में एंट्री की थी और उनके निधन के बाद उन्होंने रिलायंस की कमान अपने हाथ में लेकर इसे बुलंदियों पर पहुंचाया. आज Reliance Market Cap 19.79 लाख करोड़ रुपये है और ये 20 लाख करोड़ का भी आंकड़ा पार कर चुकी है. जिस तेजी से कंपनी का विस्तार हुआ, रईसी और दौलत के मामले में मुकेश अंबानी ने सभी को पीछे छोड़ दिया।
ब्लूमबर्ग बिलेनियर्स इंडेक्स के मुताबिक, 112 अरब डॉलर की नेटवर्थ के साथ मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani Net Worth) दुनिया के टॉप अरबपतियों की लिस्ट में 11वें पायदान पर काबिज हैं. इस मुकाम तक पहुंचने का मुकेश अंबानी का सफर बेहद दिलचस्प रहा है. उनके पिता दिवंगत धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) जहां रिलायंस इंडस्ट्रीज को छोड़कर गए थे, वहां से अंबानी इसे ऐसे मुकाम पर ले गए, जहां देश-दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनियां उससे काफी पीछे रह गईं।
रिलायंस चेयरमैन Mukesh Ambani ने बॉम्बे यूनिवर्सिटी से केमिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की है. इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में भी एडमिशन लिया था, लेकिन यहां अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़कर उन्होंने पिता के साथ कारोबार में हाथ बंटाना शुरू कर दिया था. मुकेश अंबानी ने साल 1981 में अपने पिता धीरूभाई अंबानी के साथ मिलकर रिलायंस ग्रुप (Reliacne Group) में एंट्री ली थी. इसके बाद 1985 में कंपनी का नाम रिलायंस टेक्सटाइल इंडस्ट्रीज लिमिटेड से बदलकर रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड कर दिया गया. पिता के कंधे से कंधा मिलाकर चलते हुए मुकेश अंबनी ने पेट्रोलियम के अलावा टेलीकॉम सेक्टर में भी अपने कदम आगे बढ़ाए और रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड की स्थापना की।
6 जुलाई 2002 को रिलायंस की नींव रखने वाले धीरूभाई अंबानी के निधन के बाद मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान अपने हाथ में ली. हालांकि, पिता का निधन होते ही अंबानी फैमिली में बंटवारा भी होने लगा. उनके और छोटे भाई अनिल अंबानी के बीच संपत्ति को लेकर विवाद शुरू हो गया था और ये विवाद बंटवारे तक पहुंच गया था. अंबानी फैमिली में बंटवारे के तहत रिलायंस इंफोकॉम छोटे भाई अनिल अंबानी के पास पहुंच गई, जबकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड मुकेश अंबानी के पास आ गई।
बंटवारे में रिलायंस ग्रुप के ज्यादातर नए बिजनेस अनिल अंबानी को मिले थे, जबकि मुकेश अंबानी को पुराने कारोबार से संतोष करना पड़ा था. लेकिन एक ओर जहां जल्दबाजी और कर्ज के बोझ तले अनिल अंबानी की कंपनियों का बुरा हाल होता चला गया, तो वहीं मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की बागडोर अपने हाथ में लेकर इसे आगे बढ़ाने का सिलसिला जारी रखा. साल 2002 में जब Mukesh Ambani ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान संभाली थी, तब इसका मार्केट कैपिटलाइजेशन महज 75,000 करोड़ रुपये था. इसके बाद उन्होंने अपनी मेहनत और लगन से रिलायंस इंडस्ट्रीज को देश की सबसे बड़ी के कंपनी बना दिया और इसकी मार्केट वैल्यू 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई।
मुकेश अंबानी ने रिलायंस इंडस्ट्रीज की कमान हाथ में लेने के बाद न केवल पेट्रोलियम बल्कि रिटेल, लाइफ साइंसेज, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम और इंफ्रास्क्ट्रक्चर के क्षेत्र में अपनी दमदार दस्तक दी. उनकी रिलायंस रिटेल भारत की सबसे बड़ी रिटेल बिजनेस की कंपनी है और लगातार अपने पोर्टफोलियो का विस्तार करती जा रही है. इसके अलावा रिलायंस जिओ, जिसे अंबानी ने 2016 में लॉन्च किया इस क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी बनकर उभरी।
रिलायंस चेयरमैन मुकेश अंबानी की सूझ-बूझ के कारण ही रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL LTD) ने महज 58 दिनों में जियो प्लेटफॉर्म्स की एक चौथाई से कम हिस्सेदारी बेचकर 1.15 लाख करोड़ रुपये और राइट इश्यू के जरिए 52,124.20 करोड़ रुपये जुटाए थे. इसकी दम पर कंपनी तय समय से नौ महीने पहले ही पूरी तरह से कर्जमुक्त हो गई. रिलायंस पर 31 मार्च 2020 की समाप्ति पर 1,61,035 करोड़ रुपये का कर्ज था और कंपनी ने 31 मार्च 2021 तक चुकाने का लक्ष्य रखा था. मुकेश अंबानी ने इसे नौ महीने पहले ही कर्जमुक्त कर दिया और इसमें जिओ की अहम भूमिका रही. अब फाइनेंस सेक्टर में भी उनकी Jio Financial Services धमाल मचा रही है।
रिलायंस ग्रुप तेजी से विस्तार कर रहा है और अब मुकेश अंबानी ने अपने तीनों बच्चों में इस विशाल कारोबार को बांट दिया है और उनके बच्चे इसे लगातार आगे बढ़ा रहे हैं. मुकेश अंबानी के बड़े बेटे आकाश अंबानी (Akash Ambani) रिलायंस जिओ की कमान संभाल रहे हैं, जबकि बेटी ईशा अंबानी (Isha Ambani) रिलायंस रिटेल को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने के लिए एक के बाद एक लगातार डील करती नजर आ रही हैं. अंबानी फैमिली के छोटे बेटे और जुलाई में शादी के बंधन में बंधने जा रहे अनंत अंबानी (Anant Ambani) ग्रुप के न्यू एनर्जी बिजनेस की कमान अपने हाथों में लिए हुए हैं।