दस्तक ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी कुमारी शैलजा ने प्रदेश व जिला संगठन के साथ ताबड़तोड़ बैठकें की और आगामी लोकसभा चुनाव के लिए मजबूत उम्मीदवार पर राय जानीं। इस दौरान हरिद्वार व नैनीताल सीट पर दावेदारी को लेकर गुटबाजी भी सामने आती रही। हरिद्वार सीट पर बड़े दावेदार हरक सिंह रावत के टिकट की राह में एक नहीं, कई बड़े नेता बाधा बने हुए हैं। जिनमें प्रमुख नाम पूर्व सीएम हरीश रावत का है, अब इस सीट पर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नाम पर भी चर्चा शुरू हो गई है, जिसके बाद हरक सिंह रावत की टेंशन बढ़ना स्वाभाविक है। ऐसा माना जा रहा है कि अचानक पार्टी अध्यक्ष करन माहरा का नाम आगे लाना हरक सिंह का टिकट कटवाने की रणनीति का हिस्सा हो सकता है। इस सीट पर ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के युवा नेता राजपाल खरोला ने भी दावेदारी की है, इन्हें भी हरीश रावत का समर्थक माना जाता है।
वहीं, नैनीताल सीट पर भी कई बड़े नेता टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा नाम नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का है। उनके अलावा उप नेता प्रतिपक्ष भुवनचंद्र कापड़ी, गोविंद सिंह कुंजवाल, रणजीत रावत, महेंद्र पाल, गणेश उपाध्याय हैं। पार्टी के एक वर्ग ने यशपाल आर्य को अल्मोड़ा सीट से प्रत्याशी बनाने का सुझाव दिया है, जिसे यशपाल आर्य ने खारिज कर दिया है। यशपाल आर्य ने स्पष्ट कहा है कि वह सिर्फ नैनीताल सीट से टिकट चाहते हैं, इस सीट के अलावा अन्य सीट से टिकट के इच्छुक नहीं हैं।
जाहिर है कि हरिद्वार व नैनीताल संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस खुद को सबसे मजबूत स्थिति में मानती है, लेकिन अपने मजबूत गढ़ में ही कांग्रेस टिकट वितरण में बुरी तरह उलझी हुई है। वहीं, टिकट को लेकर एकराय बनाने के बजाय बड़े नेता एक-दूसरे की राह में कांटे बोने की कोशिशों में जुटे हुए हैं। इससे आगामी चुनाव में कांग्रेस को भीतरघात का भी डर सताता रहेगा।