देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जा रहे पूर्व सीएम हरीश रावत कुमाऊं की लालकुआं सीट से चुनाव हार गए हैं। यहां से भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने जीत दर्ज की है। हरीश रावत की बेटी अनुपमा रावत ने पिता की लाज बचाते हुए हरिद्वार ग्रामीण सीट से भाजपा के यतीश्वरानंद को हराकर चुनाव जीत लिया है।
हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट से पिछले चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के यतीश्वरानंद ने जीत दर्ज की थी। वहीं यतीश्वरानंद को इस बार पूर्व सीएम की बेटी अनुपमा रावत के हाथों हार का सामना करना पड़ा। बता दें कि हरिद्वार ग्रामीण विधानसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी अनुपमा रावत, भाजपा के यतीश्वरानंद और आम आदमी पार्टी के नरेश शर्मा के बीच मुकाबला था।
पेशे से वकील हैं अनुपमा रावत
चुनाव आयोग में दायर हलफनामे के मुताबिक, अनुपमा रावत पेशे से वकील और सामाजिक कार्यकर्ता है। 38 वर्षीय अनुपमा ने स्नातकोत्तर तक पढ़ाई की है। उनकी कुल घोषित संपत्ति 13.5 करोड़ रुपये है, जिसमें 6.5 करोड़ रुपये चल और 7 करोड़ रुपये अचल संपत्ति है। अनुपमा की कुल घोषित आय त्र 19.6 लाख रुपये है, जिसमें से 12.1 लाख रुपये खुद की आय है। वहीं 20 लाख रुपये की देनदारी भी है। अनुपमा रावत के खिलाफ अभी तक एक भी आपराधिक मामला दर्ज नहीं है।
पूर्व सीएम की हार पर बोले भाजपाई- ये ‘हर दा’ नहीं ‘हार दा’ हैं
पूर्व सीएम हरीश रावत की यह दूसरी बड़ी हार है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव में भी हरीश रावत को हार का सामना करना पड़ा था। लालकुआं सीट से किस्मत आजमा रहे पूर्व सीएम हरीश रावत अपनी जीत को लेकर आश्वस्त थे, लेकिन उन्हें इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा, इसका अंदाजा किसी को नहीं था। हरीश रावत की इस हार के बाद भाजपाइयों ने कहा कि ये ‘हर दा’ नहीं ‘हार दा’ हैं।