देहरादून : पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने एक बार फिर प्रदेश की भाजपा सरकार को आड़े हाथों लेते हुए, सरकार से बेटियों को न्याय दिलाने के लिए आगे आने की बात कही है। हरीश रावत ने अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए एसआईटी ऑफिस के बाहर धरने पर बैठने का एलान किया है।
हरीश रावत का कहना है कि अंकिता भंडारी और दिल्ली में दुष्कर्म और हत्या की शिकार हुई बेटी को न्याय दिलाने के लिए वह शीघ्र ही फिर से एक रात के लिए धरने पर बैठेंगे।
उत्तराखंड की बेटी के साथ छावला में हुए दुष्कर्म और हत्या की घटना के बाद उसे न्याय मिले, इसके लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने आवाज उठाई है। उन्होंने सीएम पुष्कर सिंह धामी से इस संबंध में पहल करते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटिशन दाखिल करने के लिए देश के नामचीन अधिवक्ताओं से राय मशवरे की बात कही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ही न्याय की इस लड़ाई को आगे ले जा सकती है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड की बेटी के साथ निर्भया जैसी ही दरिंदगी हुई। उसके साथ दुष्कर्म और उसकी आंखों में तेजाब डाला गया। उसके अंगों में कांच भर दिया गया। इसके बाद वह तड़प-तड़प कर मर गई। आखिर उसके हत्यारे कौन हैं, आज यह बड़ा प्रश्न बन गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में तमाम सामाजिक संगठनों और मूर्धन्य नेताओं ने न्याय की आवाज बुलंद की है। लोग इस लड़ाई को आगे ले जाना चाहते हैं, लेकिन बिना सरकार की मदद के वह बहुत कुछ नहीं कर सकते हैं।