स्पोर्ट्स डेस्क : 2012 में भारत को अंडर-19 विश्व कप जिताने वाली टीम का हिस्सा रह चुके लोग इंडियन क्रिकेट से रिटायरमेंट ले रहे है. दिल्ली के ऑलराउंडर मनन शर्मा, भारत को 2012 में अंडर-19 विश्व कप जिताने वाले बल्लेबाज उन्मुक्त चंद और दिल्ली के पूर्व बल्लेबाज मिलिंद कुमार के बाद इस कड़ी में एक और नाम जुड़ गया है.
अब 2012 में भारत को अंडर-19 वर्ल्ड कप जिताने वाली टीम का हिस्सा रह चुके हरमीत सिंह ने भी अपने अंडर-19 टीम की साथियों की राह पर इंडियन क्रिकेट से रिटायरमेंट ले लिया है और उन्होंने अमेरिका के मेजर क्रिकेट लीग (एमसीएल) में खेलने का फैसला लिया है.
बाएं हाथ के स्पिनर हरमीत सिंह का एमसीएल के साथ तीन वर्ष का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है और अब वो सिएटल थंडरबोल्ट के लिए खेलेंगे. अंडर-19 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम का हिस्सा रहे हरमीत ने बोला है कि उन्हें मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) की ओर से लगातार नजरअंदाज किया जा रहा था.
28 वर्षीय हरमीत ने भारत के डोमेस्टिक करियर में अभी तक 31 फर्स्ट क्लास मैच खेले हैं, जिसमें उन्होंने 34.18 की औसत से 87 विकेट चटकाए हैं और साथ ही 733 रन भी बनाए हैं. एक अंग्रेज़ी अखबार से एक इंटरव्यू में हरमीत सिंह ने बोला कि, मैंने जुलाई में ही संन्यास ले लिया था क्योंकि मैं मुंबई के लिए नहीं खेल रहा था, जो मेरी होम टीम थी. मुझे यहां क्रिकेट खेलने के लिए अच्छे पैसे मिल रहे हैं, जिससे मुझे सिक्योरिटी मिलती है.
यहां क्रिकेट का लेवल भी बहुत अच्छा है. अगर आप लगातार 30 महीनों तक अमेरिका में रहते हैं, तो आप यहां की नेशनल क्रिकेट टीम के लिए खेलने के योग्य बन जाते हैं. मैंने 12 महीने पूरे कर लिए हैं, इसलिए अब सिर्फ 18 महीने ही बचे हैं. 2023 की शुरुआत तक मुझे अमेरिका के लिए इंटरनेशनल क्रिकेट खेलने के योग्य होना चाहिए. तब तक, मैं 30 साल का हो जाऊंगा. एक स्पिनर के लिए यह एक प्राइम-एज है.
हरमीत से पहले अमेरिका में क्रिकेट खेलने के लिए इंडियन क्रिकेट से संन्यास लेने वाले प्लेयर्स में मिलिंद कुमार, उन्मुक्त चंद, समित पटेल, मनन शर्मा और सिद्धार्थ त्रिवेदी भी शामिल हैं. मिलिंद कुमार रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और दिल्ली डेयरडेविल्स का हिस्सा रह चुके हैं. उन्होंने अमेरिका में माइनर लीग क्रिकेट के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया हैं, जहां वह द फिलाडेल्फियंस का प्रतिनिधित्व करेंगे.
हरमीत ने आगे बोला कि उन्हें डोमेस्टिक टूर्नामेंटस में मुंबई के लिए खेलने का मौका नहीं मिला और पिछले एक दशक में वो सिर्फ नौ ही मैच खेल पाए हैं. उन्होंने बोला कि, मैंने 2009 में मुंबई के लिए डेब्यू किया था, खुद को साबित करने के लिए एक भी पूरा सीजन नहीं मिला. फिर भी 2017 तक मैं मुंबई के लिए खेलने का सपना देखता रहा. एक दशक में मुझे मुंबई के लिए सिर्फ नौ मैच खेलने को मिले.