हाथरस हादसा: सीएचसी में चारों ओर बिखरी पड़ी लाशें, रोते बिखलते अपनों की ढूंढते नजर आए लोग
Hathras Stampede: मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ सीएचसी का मंजर देखने वालों की रुह कांप उठी। शवों को लेकर सायरन बजाती तेज रफ्तार से आ रही एंबुलेंस और अफसरों का जमावाड़ा पहली बार देखने को मिला। लोग रोते बिखलते स्वास्थ्य केंद्र में दाखिल हुए और अपनों की लाशों को ढूंढते नजर आये।
मंगलवार को हाथरस के सिकंदराराऊ में जीटी रोड पर फुलरई मुगलगढ़ी गांव के निकट मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम का आयोजन हुआ। आयोजन के बाद मची भगदड़ में 87 से अधिक लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। हादसे के वक्त मौके पर मौजूद पुलिस बल और कार्यक्रम में आए लोगों ने कार्यक्रम स्थल के पास खेत में बने दलदल में फंसे लोगों को बाहर निकाला और लोगों की मदद से उन्हें सीएचसी सिकंदराराऊ भिजवाया। शुरुआत में सीएचसी पर एक ही बार में 25 शव लाये गये,लेकिन धीरे धीरे यह आंकड़ा एक साथ तेजी के साथ बढ़ता गया। एक साथ तमाम लोग घटना स्थल पर बेहोश हुए तो ऐसे में पुलिस प्रशासन के पास उन्हें अस्पताल तक लाने के भी कोई इंंतजाम नहीं थे। लिहाजा कार्यक्रम स्थल पर मौजूद मैक्स, बस और अन्य वाहनों से लोगों को सीएचसी तक लाया गया। लिहाजा धीरे धीरे मौतों का आंकड़ा तेजी के साथ बढ़ता चला गया।
हादसे के बाद ष्घायलों को सीएचसी पर लेकर आ रही एम्बुलेंस के बजते सायरनों को सुनकर जीटी रोड के दुकानदार अपनी अपनी दुकानों को छोड़कर बाहर निकल आये। उसके बाद अफसरों की गाड़ियों के काफिलों की लंबी लाइन लग गई। प्राइवेट वाहनों को पुलिस ने सीएचसी के लिए जाने वाले रास्ते से पहले ही रोक दिया गया। सीएचसी सिकंदराराऊ पर तमाम लोग अपनों को ढूंढने के लिए सीएचसी पर रोते बिलखते नजर आये। अपनों की जमीन पर लावरशि की तरह से पड़ी लाशों को देखकर गश खाकर जमीन पर गिर पड़े। उन्हें कोई संभालने वाला भी नहीं था। ऐसे में रोते बिलखते अपने परिवार के लोगों को हादसे की सूचना दे रहे थे।
स्वास्थ्य विभाग के पास सीएचसी पर ऐसे कोई इंतजाम नहीं थे कि हादसे में मारे गये लोगों के शवों को कहीं एक जगह पर रखा जा सके। ऐसे में एम्बुलेंस या अन्य इंतजामों से शवों को सीएचसी पर लाने के बाद जमीन पर ही पटक दिया। ऐसे में परिवार के लोग जमीन पर ही बैठकर अपनों के पास रोते बिलखते रहे।