रांची: वर्ष 2005 से 2007 के बीच झारखंड विधानसभा में हुई अवैध नियुक्तियों का मामला को लेकर दायर जनहित याचिका पर झारखंड हाई कोर्ट में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार द्वारा बताया गया कि इस मामले की जांच की रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष लाया गया है, लेकिन इस रिपोर्ट पर कैबिनेट ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। इस पर न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह इस मामले पर विस्तृत और बिंदुवार जवाब 20 मार्च से पहले शपथ पत्र के माध्यम से न्यायालय में दाखिल करें। इस मामले की अगली सुनवाई 20 मार्च को होगी।
बता दें कि यह मामला साल 2005 से 2007 के बीच हुई अलग-अलग पदों पर विधानसभा में हुई नियुक्तियों से जुड़ा है। इसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में शिव शंकर शर्मा ने जनहित याचिका दायर की थी। उन्होंने नियुक्ति में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। इसके बाद मामले की जांच के लिए जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद कमीशन का गठन हुआ था। साल 2018 में कमीशन ने अपनी रिपोर्ट राज्यपाल को सौंप दी थी। इस आधार पर राज्यपाल ने विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई करने को कहा था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ।