नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को सीबीआई को रोहिणी में एक स्वयंभू गॉडमैन और एक आश्रम के प्रमुख को पकड़ने के लिए कार्रवाई करने का निर्देश दिया। गॉडमैन को यौन शोषण के एक मामले में भगोड़ा अपराधी करार दिया गया है। चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की खंडपीठ आश्रम में महिलाओं की खराब हालत के संबंध में एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी। स्वयंभू संत का नाम वीरेंद्र देव दीक्षित है।
पीठ ने सीबीआई को दीक्षित की गिरफ्तारी के लिए सभी कदम उठाने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा, मामले में छह सप्ताह के बाद सुनवाई होगी। सीबीआई को मामले में एक नया स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने दें। अदालत को बताया गया कि मार्च 2018 से, दीक्षित या उनके समर्थकों ने यूट्यूब और सोशल मीडिया पर कम से कम छह अलग-अलग वीडियो अपलोड किए हैं।
अदालत ने कहा, हालांकि, सीबीआई ब्रिटेन, नेपाल और उन जगहों की जांच कर सकती है, जहां से वीडियो अपलोड किए जा रहे हैं। अदालत ने कहा कि सीबीआई को इस बात की जांच करने की आवश्यकता है कि ऐसे आश्रमों का मालिक कौन है, जिनके खातों से किराए का भुगतान किया जा रहा है। कोर्ट ने कहा कि दीक्षित से जुड़े देश भर में कई आश्रम हैं।
अदालत ने कहा कि संबंधित अधिकारियों को यह जांच करने की जरूरत है कि क्या धार्मिक संस्थान (दुरुपयोग रोकथाम) अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है या नहीं।