वीएचएनडी पर घर के समीप ही मिल रहीं स्वास्थ्य सुविधाएं
बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण और सेहत की जाँच हुई आसान
लखनऊ : ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों को घर के समीप ही निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से माह में एक बार ग्राम स्वास्थ्य पोषण दिवस (वीएचएनडी) का आयोजन किया जाता है। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण लखनऊ मण्डल के अपर निदेशक डा.(मेजर) जी.एस. बाजपेयी का कहना है- यह एक ऐसा सामुदायिक प्लेटफार्म है, जहां पर ग्रामीण अपने स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं पर स्वास्थ्य कार्यकर्ता से सीधे संपर्क कर सकते हैं। इस दिवस पर आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और एएनएम के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाएं और स्वास्थ्य संबंधी सलाह दी जाती हैं। इसके अलावा ऐसे लोगों की पहचान की जाती है, जिन्हें विशेष देखभाल की जरूरत होती है और आंकड़ों का संग्रह किया जाता है। इस दिवस के माध्यम से गर्भवती का पंजीकरण, समय से प्रसवपूर्व जांच, गर्भवती एवं शून्य से पाँच वर्ष तक के बच्चों का टीकाकरण किया जाता है। अल्प वजन के बच्चों ,कुपोषित एवं अति कुपोषित बच्चों की पहचान के लिए उनका वजन लिया जाता है और चिन्हित अति कुपोषित बच्चों को रेफर किया जाता है। लक्षित दंपति को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन के साधन उपलब्ध कराए जाते हैं और आवश्यक होने पर उच्च स्वास्थ्य केंद पर परिवार नियोजन के अन्य सेवाओं हेतु रेफर किया जाता है। इसके साथ ही एएनएम द्वारा गृह आधारित नवजात देखभाल( एचबीएनसी) का फालो अप भी किया जाता है।
डा. बाजपेयी के अनुसार – वीएचएनडी में गर्भावस्था के दौरान खतरे के लक्षण को पहचानना, पौष्टिक आहार का सेवन सहित गर्भावस्था के दौरान देखभाल, संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहन देने हेतु चलाई जा रही जननी सुरक्षा योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना, जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को लेकर चलाये जा रहे जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम व प्रसव पश्चात देखभाल के बारे में जानकारी दी जाती है। इसके साथ ही नवजात की देखभाल, शीघ्र स्तनपान, छह माह तक बच्चे को केवल स्तनपान कराना, छह माह के बाद ऊपरी आहार शुरू करना, दो साल तक बच्चे को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार देना, घर पर बच्चों में डायरिया के दौरान देखभाल एवं प्रबंधन, परिवार नियोजन संबंधी परामर्श, निमोनिया का प्रबंधन, एचआईवी एवं एड्स से बचाव, यौन संचारित रोगों से बचाव के साथ ही साफ पीने के पानी के लाभ, बच्चों की शिक्षा, व्यक्तिगत साफ सफाई, सही उम्र में शादी के बारे में, वीएचएनडी पर आने वाले लोगों को जानकारी दी जाती है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मण्डल प्रबंधक राजा राम बताते हैं – इस दिवस के माध्यम से गर्भवती, धात्री, बच्चों और किशोरियों में एनीमिया प्रबंधन, अति कुपोषित और मध्यम कुपोषित बच्चों की पहचान और रेफरल, बच्चों में दिव्यांगता की पहचान करना, उच्च खतरे की गर्भावस्था की पहचान करना, मलेरिया, क्षय, कुष्ठ और कालाजार के रोगियों की पहचान की जाती है। इसके अलावा वृद्धों और निराश्रितों की समस्या की पहचान की जाती है। काकोरी ब्लॉक के थावर गाँव की 30 वर्षीय गर्भवती मीना गुप्ता बताती हैं कि वह अपने गाँव के स्वास्थ्य केंद्र पर वीएचएनडी पर जाती हैं| इसके आयोजन से हमें बहुत लाभ है| हमे कहीं दूर नहीं जाना पड़ता है गाँव में ही स्वास्थ्य की जांच हो जाती है| यहाँ पर एएनएम दीदी उनकी जांच करती हैं और उन्हें आयरन की गोली भी देती है| इसके साथ ही टीके भी लगाए गए हैं| इसके अलावा उन्हें गर्भावस्था के दौरान अपनी देखभाल के बारे में और प्रसव से पहले क्या तैयारी करनी चाहिए इसके बारे में बताया गया है| यहाँ पर बच्चों को भी टीका लगाया जाता है|