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बिहार में कोरोना की जानकारी लेने के घर-घर पहुंचेंगे स्वास्थ्य सेवक

बिहार में कोरोना की दूसरी लहर लगभग थम गई है, लेकिन सरकार किसी भी प्रकार का खतरा लेने के मूड में नहीं दिख रही है। यही कारण है कि स्वास्थ्य विभाग जहां दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रख रही है, वहीं प्रखंड से पंचायत स्तर पर कोरोना संक्रमण को लेकर स्वास्थ्य सेवकों आशा कार्यकर्ताओं की मदद लेने के निर्देश सिविल सर्जनों को दिए गए हैं। ये कार्यकर्ता घर-घर पहुंचकर लोगों की जानकारी लेंगे।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि जिलों के जिलाधिकारियों सिविल सर्जनों को कुछ नए निर्देश भेजे गए हैं। जिलों से कहा गया है कि केरल, महाराष्ट्र तमिलनाडु से आने वाले लोगों पर विशेष नजर रखी जाए तथा प्रत्येक जिले में इंट्री प्वाइंट पर कोविड जांच की व्यवस्था रखी जाए, जिससे आने वाले लोगों की केविड जांच की जा सके।

उन्होंने कहा कि बस अड्डों, रेलवे स्टेशन पर भी कोविड टेस्ट की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग सूत्रों ने अनुसार प्रखंड पंचायत स्तर पर केरल, महाराष्ट्र तमिलनाडु से आने वाले लोगों की मॉनीटरिंग की भी व्यवस्था की जा रही है। सिविल सर्जनों को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि वे प्रखंड पंचायत स्तर पर ऐसे लोगों पर नजर रखने के लिए स्वास्थ्य सेवकों आशा कार्यकर्ताओं की मदद लें, जो घर-घर जाकर यह पता करें कि किसी प्रखंड या पंचायत में केरल, तमिलनाडु महाराष्ट्र का कोई व्यक्ति तो नहीं आया है। ऐसी सूचना मिलने के बाद संबंधित व्यक्ति की जांच कराएं इसकी जानकारी मुख्यालय को जरूर दें।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी सोमवार को कहा कि अन्य राज्यों से आने वाले लोगों के लिए कोरोना टेस्ट का इंतजाम कई जगहों पर किया गया है। उन्होंने कहा कि लोगों को पूरी तरह से सजग रहना बहुत जरूरी है, अगर एक आदमी भी पॉजिटिव निकल गया पता नहीं चला तो इससे कई लोग प्रभावित हो जाएंगे।

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