ज्ञानवापी मामले में सुनवाई पूरी, फैसला सुरक्षित, आज होगा आदेश
मंगलवार को जिला जज कोर्ट 2 बजे फैसला सुनाएगी कि इस विवाद की आगे सुनवाई की प्रक्रिया क्या होगी
–सुरेश गांधी
वाराणसी : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी मामले में सोमवार को जिला न्यायालय में सुनवाई हुई। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। न्यायालय मंगलवार को दोपहर 2 बजे अपना फैसला सुनाएगी। न्यायालय अपना आदेश इस आधार पर सुरक्षित रखा है कि इस विवाद की आगे सुनवाई की प्रक्रिया क्या होगी। इस मामले में कोर्ट तय करेगी कि आगे सुनवाई सिर्फ सीपीसी के आदेश सात नियम 11 पर ही सीमित रहे या फिर कमीशन की रिपोर्ट और सीपीसी के 7/11 पर साथ-साथ सुनवाई हो। अब सबकी निगाहें जिला जज की अदालत पर टिकी हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अदालत को आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है। ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई आज हुई। इस दौरान कचहरी परिसर और आसपास सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही।
बता दें कि उपासना स्थल कानून, 1991 के आलोक में नागरिक प्रक्रिया संहिता यानी सीपीसी का आदेश सात नियम 11 किसी भी धार्मिक स्थल पर प्रति दावे को सीधे अदालत में ले जाने से रोकता है. यानी किसी धार्मिक स्थल की प्रकृति और स्थिति को बदलने की अर्जी सीधे अदालत में में दी जा सकती है. यानी वो अर्जी सुनवाई योग्य ही नही होगी, लेकिन ये कानून और सीपीसी का नियम किसी धार्मिक स्थल की प्रकृति और स्थिति की पहचान के लिए कोई जांच, कमीशन का गठन या सर्वेक्षण कराने से नहीं रोकता है. अगर किसी कमीशन की सर्वेक्षण रिपोर्ट से विवादित धार्मिक को लेकर दावेदार पक्ष के दावे की तस्दीक कर दी और अदालत ने उसे मान लिया तो अदालत उसे आगे भी सुनेगी. हिंदू याचिकाकर्ताओं ने कोर्ट से कहा है कि कमीशन की रिपोर्ट और शिवलिंग के फोटोग्राफ वीडियो सभी कोर्ट के आगे रखे जाएं और पाए गए शिवलिंग की सुरक्षित खुदाई, पैमाइश और सभी बारीकियों का ब्योरा जुटाने का आदेश दिया जाएं।
करीब 45 मिनट तक चली दलीलें
करीब 45 मिनट तक अदालत की कार्यवाही चली। दरअसल, वादी पक्ष की तरफ से जिला जज की कोर्ट से यह मांग की गई कि विपक्षी कमीशन कार्यवाही पर आपत्ति दाखिल करे। वहीं प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की दलील थी कि पहले विशेष उपासना स्थल अधिनियम लगेगा या नहीं इस पर सुनवाई हो। अदालत इस पर कल आदेश करेगी। जिस पर अदालत ने 24 मई (मंगलवार) की तारीख सुनवाई के लिए तय कर दी। ऐसे में अब कल का दिन बेहद अहम होने वाला है।
अदालत ने सुरक्षित रखा फैसला
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले अधिवक्ता विष्णु जैन ने कहा कि सुनवाई पूरी हो चुकी है और फैसला सुरक्षित रख लिया गया है। सुनवाई की अगली तारीख दी जाएगी। हम लोगों ने कमीशन द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट की सीडी और तस्वीरें उपलब्ध कराने के लिए एक आवेदन दिया था। वहीं अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने बताया कि हिंदू पक्ष का दावा मजबूत है। फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और बाकी सबूतों का अध्ययन करने के बाद कोर्ट कोई फैसला देगा। कल न्यायालय की तरफ से बताया जाएगा कि यह मामले आगे सुनवाई योग्य है या नहीं।
हिंदू पक्ष की मांग
श्रृंगार गौरी की रोजाना पूजा की मांग
वजूखाने में मिले कथित शिवलिंग की पूजा की मांग
नंदी के उत्तर में मौजूद दीवार को तोड़कर मलबा हटाने की मांग
शिवलिंग की लंबाई, चौड़ाई जानने के लिए सर्वे की मांग
वजूखाने का वैकल्पिक इंतजाम करने की मांग
मुस्लिम पक्ष की मांग
वजूखाने को सील करने का विरोध
1991 एक्ट के तहत ज्ञानवापी सर्वे और केस पर सवाल
अखिलेश यादव और ओवैसी समेत आठ के खिलाफ याचिका
वाराणसी। अधिवक्ता हरिशंकर पांडेय ने एसीजेएम पंचम उज्ज्वल उपाध्याय की अदालत में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी, अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव समेत आठ के खिलाफ अदालत में अर्जी दी। धार्मिक विद्वेष फैलाने, मानसिक व धार्मिक उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए सभी के खिलाफ कार्रवाई की अदालत से अपील की गई है।
ज्ञानवापी मामले से जुड़े लोगों को ही कोर्ट रूम में प्रवेश
ज्ञानवापी मामले की सुनवाई शुरू होते ही अदालत परिसर के चारों तरफ सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। कोर्ट रूम में प्रवेश सिर्फ ज्ञानवापी मामले से जुड़े लोगों को ही मिला है। अधिवक्ताओं के सहयोगियों को कोर्ट रूम से बाहर रोका गया है। चारों वादी महिलाएं भी अदालत में पहुंचीं हैं।
महंत ने अदालत में दिया आवेदन
जिला जज की अदालत में काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने रूल एक नियम 10 के तहत पक्षकार बनने, ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन और राग भोग सेवा के लिए आवेदन दिया। ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के लिए दोनों पक्ष के अधिवक्ता जिला जज की अदालत में पहुंच चुके हैं।
मसाजिद कमेटी ने दिया नया आवेदन
वाराणसी जिला जज की अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने नया आवेदन दिया है। जिसमें ज्ञानवापी प्रकरण को लेकर सीनियर डिवीजन की अदालत में हुए अब तक कई कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए निस्तारण गुण-दोष के आधार पर करने की मांग की गई है।
बाबा के भक्तों के लिए खुल गई शिव कचहरी, कर सकेंगे फरियाद
बाबा विश्वनाथ की कचहरी अब शिवभक्तों के लिए खुल गई है। लंबे समय से बंद चल रही कचहरी खुलने के बाद शिवभक्तों में खुशी की लहर है। बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद भक्त अब शिव कचहरी के भी दर्शन कर सकेंगे। रविवार को बाबा की कचहरी का दर्शन कर भक्त भी बेहद प्रसन्न नजर आए। हालांकि बाबा की कचहरी में कुछ कार्य अभी चल रहा है। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने बाबा की कचहरी की साफ-सफाई के बाद आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया। बाबा की कचहरी का निर्माण धाम के चौक के बाईं तरफ किया गया है। पिछले साल ही निर्माण के लिए बाबा की कचहरी को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद किया गया था। भक्त बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने के बाद सीधे शिव कचहरी का भी दर्शन कर सकेंगे और अपनी हाजिरी लगाने के साथ ही अपनी अर्जी भी डाल सकेंगे।
वर्ष भर बाद जब श्रद्धालुओं ने बाबा की कचहरी के दर्शन किए तो पूरा परिसर हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठा। मंदिर प्रशासन का कहना है कि बाबा दरबार आने वाले श्रद्धालु अब बाबा की कचहरी का भी दर्शन कर सकेंगे। कचहरी में कुछ काम अभी बाकी हैं जो जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे। शिव कचहरी के महंत परिवार का कहना है कि महादेव की कचहरी से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। मान्यता है कि मुकदमे में फंसे लोग बाबा की कचहरी में अपनी फरियाद लेकर आते हैं। पुरानी कचहरी में विभिन्न स्वरूपों में 108 शिवलिंग, पांचों पांडव, काशी के छप्पन विनायक के पांच विनायक, कपिल मुनि की प्रतिमा विराजमान है।