नई दिल्ली. आज यानी गुरुवार 25 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पेगासस जासूसी केस (Pegasus Spy Case) में सुनवाई की है। वहीं इस दौरान सुप्रीम कोर्ट की बनाई हुई कमेटी ने बताया कि उन्हें जासूसी के शक में करीब 29 फोन दिए गए थे, 5 फोन में मालवेयर मिला, लेकिन वो पेगासस था, लेकिन ये पक्के तौर पर फिलहाल नहीं कहा जा सकता है।
आज कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा कि सरकार ने उनकी कोई भी मदद नहीं की है। मामले पर चीफ जस्टिस एनवी रमना ने कहा कि, अब इस मामले में अगली सुनवाई सितंबर के आखिरी हफ्ते में की जाएगी।
गौरतलब है कि, पेगासस जासूसी केस में जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कोर्ट को सौंप दी थी। दरअसल इस सॉफ्टवेयर को लेकर दावे किए जा रहे थे कि, PM नरेंद्र मोदी के जुलाई 2017 में इजराइल दौरे के दौरान भारत-इजराइल के बीच करीब 15 हजार करोड़ रुपए की डिफेंस डील हुई थी। इस डील में पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर भी शामिल किया गया था। बता दें कि, इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल फोन के जरिए किसी की जासूसी के लिए किया जाता है।