नीट-यूजी परीक्षा रद्द करने की याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट सोमवार को विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी 2024 से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। यह परीक्षा पांच मई को आयोजित की गई थी। राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को मेडिकल प्रवेश परीक्षा के शहर और केंद्रवार परिणाम जारी किए थे। इसमें पेपर लीक और असामान्य अंक मिलने के आरोप हैं।
शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर 22 जुलाई की अपलोड की गई वाद सूची के अनुसार मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई करेगी। इनमें एनटीए द्वारा दायर याचिकाएं भी शामिल हैं। उसकी याचिकाओं में मुकदमों की अधिकता से बचने के लिए नीट-यूजी विवाद पर विभिन्न उच्च न्यायालयों में उसके खिलाफ लंबित मामलों को उच्चतम न्यायालय में स्थानांतरित करने का अनुरोध किया गया है।
एनटीए द्वारा जारी आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित तौर पर लाभान्वित होने वाले उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। हालांकि कुछ केंद्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या अधिक थी। यह डेटा 4,750 केंद्रों के 32 लाख से अधिक उम्मीदवारों का था।
सुप्रीम कोर्ट इसमें कथित अनियमितताओं को लेकर कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है और उसी के निर्देश पर डेटा जारी किया गया था। लाखों अभ्यर्थी परीक्षा पर न्यायालय के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं। जांच के दायरे में आए केंद्रों के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी खराब था। शीर्ष अदालत ने 11 जुलाई को परीक्षा रद्द करने, दोबारा परीक्षा कराने और नीट-यूजी 2024 के आयोजन में कथित गड़बड़ी की जांच की मांग वाली याचिकाओं सहित अन्य याचिकाओं पर सुनवाई 18 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी थी, क्योंकि कुछ पक्षों को केंद्र और एनटीए के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं।
पीठ ने कहा कि उसे जांच में हुई प्रगति पर केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से स्थिति रिपोर्ट प्राप्त हुई है। शीर्ष अदालत ने आठ जुलाई को याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए कहा था कि नीट-यूजी 2024 की शुचिता का उल्लंघन किया गया है। पीठ ने कहा कि यदि पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। यह परीक्षा पांच मई को 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी जिनमें 14 विदेशी शहर भी थे। इसमें 23.33 लाख से अधिक अभ्यर्थी शामिल हुए थे।