केरल में भारी बारिश, मौसम विभाग ने इन दो जिलों में जारी किया रेड अलर्ट
कोच्चिः केरल में मानसून से पूर्व हो रही बारिश के बीच भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बृहस्पतिवार को बारिश के अलर्ट को संशोधित किया और राज्य के दो जिलों में रेड अलर्ट जारी किया। इस बीच, राज्य के कई हिस्सों में भारी बारिश जारी है जिससे तिरुवनंतपुरम, कोच्चि और त्रिशूर सहित प्रमुख शहरों में जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई।
आईएमडी ने एर्णाकुलम और त्रिशूर जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया। इससे पहले इन दोनों स्थानों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया था। मौसम विभाग ने राज्य के पथानमथिट्टा, अलप्पुझा, कोट्टायम, इडुक्की, पलक्कड़, मलप्पुरम, कोझिकोड और वायनाड जिलों में भी ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
रेड अलर्ट 24 घंटों में 20 सेंटीमीटर से अधिक की भारी से अत्यधिक भारी बारिश का संकेत देता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट के तहत 11 सेंटीमीटर से 20 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश की संभावना होती है। छह सेंटीमीटर से 11 सेंटीमीटर के बीच भारी बारिश की संभावना होने पर येलो अलर्ट जारी किया जाता है। केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
उन्होंने सोशल मीडिया मंच फेसबुक पर कहा, “थोड़े समय के भीतर होने वाली तीव्र बारिश से अचानक बाढ़ आ सकती है। शहरी और निचले इलाके विशेष रूप से जलभराव की चपेट में हैं। लंबे समय तक बारिश से भूस्खलन भी हो सकता है। लोगों को ऐसे मौसम के दौरान होने वाली घटनाओं के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए।” वर्तमान में राज्य भर में लगे आठ राहत शिविरों में 223 लोगों को रखा गया है। भारी बारिश के कारण कोच्चि के बस अड्डा परिसर में भी जलभराव की समस्या उत्पन्न हो गई है।
टीवी चैनलों पर जारी फुटेज के अनुसार, कोच्चि शहर की कई प्रमुख सड़कें जलमग्न होने से यातायात अवरुद्ध हो गया है। पुलिस अधिकारियों को शहर के विभिन्न स्थानों पर वाहनों का मार्ग बदलवाते हुए देखा जा सकता है। केरल राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (केएसडीएमए) के अनुसार 19 से 22 मई तक राज्य में बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में चार लोगों की मौत हो चुकी है।
केएसडीएमए ने कहा कि उक्त अवधि के दौरान कुल 76 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए जबकि तीन घर पूरी तरह ध्वस्त हो गए। भारी बारिश को देखते हुए तिरुवनंतपुरम और कोट्टायम जिलों में दो राहत शिविर लगाए गए हैं। राज्य भर से सड़कों और कृषि को व्यापक नुकसान की भी खबरें मिलीं। अलप्पुझा में राष्ट्रीय राजमार्ग पर थुरवूर क्षेत्र आज तीन घंटे से अधिक समय तक अवरुद्ध रहा और चैनलों ने व्यस्त यातायात के प्रभावित होने के दृश्य दिखाए।
अलाप्पुझा में कुट्टनाड क्षेत्र के कुछ हिस्सों में भी पानी भर गया। कोझिकोड के मावूर क्षेत्र में कृषि क्षेत्र में व्यापक नुकसान हुआ और मलप्पुरम तथा कासरगोड जिलों से मामूली रूप से भूस्खलन हुआ है। त्रिशूर शहर भी जलभराव की समस्या से पीड़ित है। दुकानों और यहां तक कि कुछ निजी अस्पतालों में भी पानी भर गया। त्रिशूर के जिलाधिकारी ने निगम अधिकारियों को सात दिनों के भीतर अपनी सीमा में नदियों और नालों को साफ करने के निर्देश जारी किए हैं। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि भारी बारिश के कारण कोझिकोड अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानों में विलंब हो रहा है।
इस बीच, इडुक्की जिले में मलंकारा बांध के चार शटर उठा दिए गए और अधिकारियों ने तोडुपुज़ा, मुवत्तुपुझा नदियों के किनारे रहने वाले लोगों को बढ़ते पानी से सावधान रहने की चेतावनी दी है। राज्य के उत्तरी जिलों में भारी जलभराव और बारिश से कई जगहों पर कई सड़कों के क्षतिग्रस्त हो गईं। केएसडीएमए ने मछुआरों को समुद्र में न जाने की चेतावनी दी है। लगातार भारी बारिश के मद्देनजर महामारी की रोकथाम गतिविधियों को दुरुस्त करने के प्रयासों के तहत बुधवार को तिरुवनंतपुरम में स्वास्थ्य विभाग निदेशालय में एक नियंत्रण कक्ष खोला गया।