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मौत के बाद यहां ‘पेड़ों’ में बदल जाते हैं बच्चे, मां-बाप उसी को संतान मानकर करते हैं प्यार

नई दिल्ली : दुनिया में सैकड़ों देश हैं और इनसे जुड़ी अलग-अलग परंपराएं. कुछ रीति-रिवाज़ हमें काफी आकर्षक लगते हैं तो कुछ ऐसे भी होते हैं, जिन्हें सुनकर हम कह उठते हैं – ऐसा भी होता है? एक ऐसी ही अनोखी परंपरा इंडोनेशिया में सालों से चली आ रही है, जहां माता-पिता अपने बच्चों को ज़मीन के बजाय पेड़ों में दफन करते हैं.

इंडोनेशिया में एक अजीबोगरीब परंपरा है, जिसके तहत इस दुनिया से जाने वाले बच्चों का अंतिम संस्कार कुछ इस तरह किया जाता है कि वो प्रकृति के साथ हमेशा ही ज़िंदा रहते हैं. चलिए आपको इस परंपरा के बारे में और बताते हैं. सुनने में तो ये आपको अजीब लग रहा होगा लेकिन इसके पीछे उनका अपना लॉजिक है. ये अनोखी परंपरा इंडोनेशिया के ताना तरोजा में पाई जाती है. यहां बड़े लोगों का अंतिम संस्कार तो एक जैसा ही होता है लेकिन छोटे बच्चों के शव को ज़मीन में दफनाने या जलाने के बजाय उसे प्रकृति से जोड़ दिया जाता है.

पहले से पेड़ के तनों को अंदर से खोखला बनाया जाता है और फिर जब किसी बच्चे की मृत्यु टहो जाती है तो उसे कपड़े में लपेटकर इसी पेड़ के तने में रख दिया जाता है और उनका शव पेड़ में बदल जाता है. लोग अपने बच्चों को पेड़ के तने में दफना देते हैं और पेड़ को अपना बच्चा समझने लगते हैं.

इस परंपरा के तहत चूंकि बच्चों को पेड़ के तने में रख दिया जाता है, ऐसे में माता-पिता पेड़ को ही अपना बच्चा मानने लगते हैं. लोगों का मानना है कि चाहे उनका बच्चा इस दुनिया से दूर चला जाए लेकिन वे पेड़ में बच्चे का शव होने की वजह से उसे अपने पास महसूस करते हैं. वे जब भी पेड़ को देखते हैं, बच्चे को अपने पास ही मानते हैं. ये परंपरा दुनिया के और किसी कोने में नहीं पाई जाती है, सिर्फ ताना तरोजा में ही लोग ऐसा करते हैं.

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