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सुशील कुमार की इस याचिका पर विचार करने से हाईकोर्ट ने किया इनकार

स्पोर्ट्स डेस्क : पहलवान सुशील कुमार की मां ने एक दिन पूर्व दिल्ली हाईकोर्ट में बेटे से जुड़े केस में मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी.

दिल्ली हाईकोर्ट ने आज उस याचिका पर विचार करने से मना कर दिया जिसमें आरोपी के अधिकारों पर सोच करके आपराधिक मामलों में रिपोर्टिंग के लिए मानक नियम बनाने मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने और पहलवान सुशील कुमार के खिलाफ केस में रिपोर्टिंग को रोकने की मांग की गयी थी.

याचिका में आरोप लगाया गया था कि छत्रसाल स्टेडियम में हुई झड़प के मामले में पहलवान सुशील कुमार खिलाफ मामले की मीडिया रिपोर्टिंग से उनके करियर तथा साख को नुकसान हुआ है.

ये भी पढ़े : सुशील कुमार की मां की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा दिल्ली हाईकोर्ट

हाईकोर्ट ने शुक्रवार को पहलवान सागर की हत्या से जुड़े मामले की मीडिया रिपोर्टिंग पर रोक लगाने व आपराधिक मामले की रिपोर्टिंग के लिए दिशानिर्देश तय करने की मांग को लेकर दाखिल याचिका पर सोचने से मना कर दिया.

हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसे व्यक्ति के लिए याचिका दायर नहीं की जा सकती जिसे सब जानते हैं. चीफ जस्टिस डी.एन. पटेल व जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने कहा कि एक जागरूक व्यक्ति कुमार की तरफ दाखिल याचिका में दावा किया गया है कि मीडिया ने हत्या के ऐसे मामले में अपनी रिपोर्टिंग से उनकी छवि बिगाड़ी है जिसमें वो एक आरोपी हैं.

कोर्ट के अनुसार, आप एक व्यक्ति के लिए याचिका दायर नहीं कर सकते. हमें एक जागरूक व्यक्ति की तरफ से मुकदमे पर सुनवाई करने की कोई वजह नही दिखाई दे रही है.

कोर्ट ने कानून के एक छात्र द्वारा दाखिल याचिका का निस्तारण कर दिया. पहलवान सागर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार पहलवान सुशील कुमार से जुड़े मामले में मीडिया ट्रायल पर रोक लगाने की मांग को लेकर गुरुवार को हाईकोर्ट मे याचिका दाखिल हुई थी.

इस याचिका में हाईकोर्ट से आपराधिक मामलों की मीडिया में रिपोर्टिंग के लिए दिशानिर्देश बनाने की मांग की गयी थी. आरोपी पहलवान सुशील कुमार की मां कमला देवी की ओर से दिल्ली विश्वविद्यालय में कानून के छात्र श्रीकांत प्रसाद ने याचिका दाखिल की थी. याचिकाकर्ता श्रीकांत प्रसाद के अनुसार आरोपी की मां ने उन्हें याचिका दाखिल करने की सहमति दी है.

याचिका में बताया गया था कि इस मामले में मीडिया में आधारहीन तथ्यों को दिखाया जा रहा है और मुकदमे का ट्रायल शुरू होने से पहले ही मीडिया मामले में अपने हिसाब से ट्रायल कर रही है. याचिका में बताया गया था कि पुलिस मामले की जांच कर रही है, मीडिया सुशील कुमार को हत्यारे के तौर पर दिखा रही है.

याचिका में केंद्र सरकार से मीडिया रिपोर्टिंग के लिए दिशानिर्देश बनाने की मांग करने के साथ ही सुशील कुमार व अन्य के खिलाफ मॉडल टाउन थाने में दर्ज मामले में मीडिया संस्थानों को आधारहीन खबरें चलने पर रोक लगाने की मांग की गयी थी. याचिका में इस बात की जांच कराने की भी मांग हुई थी कि मामले की जांच से जुड़े तथ्य मीडिया में कैसे आ रहे हैं.

याचिका में कहा गया था कि जांच से जुड़े तथ्य लीक होना आरोपी के अधिकारों का हनन है. बताते चले कि दिल्ली की एक अदालत ने 23 मई को सुशील कुमार को हत्या के संबंध में पूछताछ के लिए छह दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था और कहा था कि उनके खिलाफ आरोप गंभीर हैं और कोई भी कानून से ऊपर नहीं है.

आरोप है कि सुशील व उनके साथियों ने दिल्ली स्थित छत्रसाल स्टेडियम में चार मई की रात पहलवान सागर व उसके दो दोस्तों सोनू व अमित कुमार पर कथित तौर पर हमला किया था. चोट के चलते सागर का निधन हो गया था.

सुशील कुमार को साथी अजय के साथ 23 मई को दिल्ली के मुंडका से अरेस्ट किया गया था. इससे पहले दो बार सुशील कुमार तीन हफ्तों तक फरार रहे.

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