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बीरभूम हिंसा को लेकर ममता सरकार पर हाईकोर्ट सख्त, कल दो बजे तक मांगी रिपोर्ट

नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले में हुई हिंसा को लेकर कोलकाता हाईकोर्ट भी सख्त हो गया है। इस मामले में सुनवाई के बाद अदालत ने कहा कि सच सभी के सामने जरूर आना चाहिए। बीरभूम जिले में हुई हिंसा की इस घटना में 8 लोगों की जलकर मौत हो गई थी। इसमें 2 बच्चे भी शामिल थे। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा कि, सच सभी के सामने जरूर आना चाहिए।

इस हिंसा मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पश्चिम बंगाल पुलिस को 24 मार्च को केस डायरी लाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही राज्य सरकार को भी निर्देश दिए गए हैं कि वो गवाहों को सुरक्षा मुहैया कराए। इसके अलावा जहां इस हिंसा को अंजाम दिया गया, वहां किसी भी चीज से छेड़छाड़ नहीं करने के निर्देश भी जारी किए गए हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि, इसके लिए उस जगह पर कैमरे लगाए जाएं।

हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक क्राइम सीन पर 24 घंटे कैमरे से निगरानी रखी जाएगी, साथ ही सीसीटीवी के डीवीआर ज्यादा मेमोरी के होने चाहिए। कैमरे डिस्ट्रिक्ट जज की मौजूदगी में लगाए जाएंगे। सबूत इकट्ठा करने के लिए सीएफएसएल टीम दिल्ली से बुलाई गई है। जब तक ये टीम सभी जरूरी चीजें मौके से इकट्ठा नहीं कर लेती है, तब तक उस जगह की कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

कलकत्ता हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस डिविजन बेंच ने 24 मार्च दोपहर दो बजे तक मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। हाईकोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। जिसके बाद अब मामले की जांच को लेकर लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि कोर्ट इस मामले पर रोजाना सुनवाई जारी रख सकता है।

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