हर्जाना वसूली पर हाई कोर्ट का योगी सरकार को नया निर्देश
लखनऊ। नागरिकता संसोधन बिल के विरोध में लखनऊ में हुए उत्पात को लेकर योगी सरकार ने जुर्माने के लिए निर्देश जारी किये थे जिसमें कहा गया था कि अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो जेल की सजा भुगतनी होगी। जिसमें लखनऊ पुलिस कमिश्नर और डीएम को तलब किया था और अब इसमें कोर्ट ने योगी सरकार को नया निर्देश जारी कर दिया है।
कोरोना वायरस के चलते इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव के साथ राज्य के सभी जिलाधिकारियों और वित्तीय संस्थानों को 6 अप्रैल तक किसी भी वसूली या विध्वंस के लिए आगे नहीं बढ़ने का आदेश दिया है।
आपको बता दें कि नागरिकता संसोधन बिल को लेकर उत्तर प्रदेश में हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर प्रशासन ने 13 लोगों को नोटिस जारी किया था। इस नोटिस के अंदर हिंसा में हुए नुकसान का 10 प्रतिशत रुपए जमा करने का आदेश दिया था, साथ ही ये भी कहा गया था कि अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो जेल की सजा भुगतनी होगी।
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल ने विरोध प्रदर्शन कार्यक्रमों आदि में निजी तथा सार्वजनिक सम्पत्ति के नुकसान की भरपाई के सम्बन्ध में प्रदेश में रिकवरी आफ डैमेज टू पब्लिक एण्ड प्राइवेट प्रापर्टी अध्यादेश-2020 को मंजूरी दे दी हैं। इस कानून के तेहत प्रशासन ने 13 लोगों को नोटिस जारी किया हैं।
Allahabad High Court directs the Uttar Pradesh Chief Secretary, all District Magistrates of the state and financial institutions not to proceed with any recovery or demolition till 6th April. #Coronavirus pic.twitter.com/E1RN56ZKQY
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 19, 2020
बता दें कि लखनऊ में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था। इस दौरान सावर्जनिक संपत्ति को स्वाहा किया गया था। जिसके चलते जिला प्रशासन ने उपद्रवियों की पहचान को उजागर करने के लिए शहर में पोस्टर लगवा दिए थे। इलाहाबाद हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस गोविंद माथुर ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए लखनऊ पुलिस कमिश्नर और डीएम को तलब किया था।