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दिल्ली में हुई मत्स्यपालन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए उच्चस्तरीय बैठक

नई दिल्ली ( दस्तक ब्यूरो) : मत्स्य पालन क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था के प्राथमिक क्षेत्र की एक मजबूत कड़ी है और इस सेक्टर का विकास न केवल निर्यात के लिहाज़ से जरूरी है बल्कि यह फूड सिक्योरिटी के लिहाज से भी जरूरी है। इसी को ध्यान में रखकर देश में मत्स्यपालन क्षेत्र के विकास के लिए कृषि भवन, दिल्ली में एक उच्चस्तरीय बैठक केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान तथा पशुपालन, मत्स्यपालन एवं डेयरी व पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के मध्य हुई है।

मत्स्यपालन के क्षेत्र में उच्च स्तरीय समिति बनाने का निर्णय: इस बैठक में मत्स्यपालन के क्षेत्र में एक उच्चस्तरीय समिति बनाने का निर्णय लिया गया है, जिसमें मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय तथा आईसीएआर के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित रहेंगे। समिति नियमित बैठकें करेगी व रोडमैप भी तैयार करेगी। बैठक में कृषि मंत्री शिवराज चौहान ने कहा कि इसमें राज्यों की सहायता ली जाएं व सभी ताकत से जुटें ताकि अच्छे परिणाम आएं। उन्होंने कहा कि सफल किसानों की बातें अधिकाधिक प्रसारित करने के साथ ही जागरूकता कार्यक्रम और शिविर भी आयोजित किए जाएं।

आपको बता दें कि मछली उत्पादन में नीली क्रांति हुई है और भारत आज विश्व में दूसरे स्थान पर है तथा सालाना 60 हजार करोड़ रुपए का निर्यात हो रहा है। श्री सिंह ने बताया कि प्रधानमंत्री श्री मोदी जी के नेतृत्व में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का लाभ भी बड़े पैमाने पर देश के किसानों को मिल रहा है। उन्होंने बताया कि दुग्ध उत्पादन में भारत दुनिया में पहले नंबर है, साथ ही निर्यात बढ़ाने व देश को एफएमडी मुक्त करने पर केंद्र द्वारा योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है।

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