नई दिल्ली : वेगन आहार वालों का कार्बन, पानी और पर्यावरणीय फुटप्रिंट मीट खाने वालों के मुकाबले काफी कम होता है। विश्व में आहार की आदतों में काफी बड़े परिवर्तन आ रहे हैं। शाकाहारी जीवनशैली की ओर लोगों का रूझान हमारी समृद्धि और गृह के लिए फायदेमंद होगा।
बादाम में आसानी से अलग-अलग भारतीय मसालों के साथ अलग-अलग स्वाद उत्पन्न किए जा सकते हैं। बादाम में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है और ये स्वास्थ्य को अनेक फायदे प्रदान करते हैं। वैज्ञानिक अध्ययनों के मुताबिक बादाम में भरपूर प्रोटीन होने के कारण आपका पेट भरा रहता है, और आपको पूरी तृप्ति मिलती है। यह वर्कआउट के बाद पेशियों को रिपेयर करने में भी मदद करता है। मुट्ठीभर बादाम खाने से पेट भरा रहता है, और बार-बार भूख नहीं लगती, जिसके कारण कैलोरी कम लेनी पड़ती है। इसमें 15 आवश्यक पोषक तत्व, जैसे विटामिन ई, मैग्नीसियम, राईबोफ्लेविन, जिंक आदि होते हैं। शाकाहारी होने पर अपने आहार में बादाम मिल्क शामिल किया जा सकता है।
सबसे अच्छी बात यह है कि बादाम में ट्रांस फैट्स नहीं होते हैं, और इनमें स्वस्थ मोनोसैचुरेटेड फैट भरपूर होते हैं। दालें दालें ज्यादातर भारतीय घरों में मुख्य आहार हैं। हमारे देश में प्रतिदिन खाने में कई तरह की दालें बनाई जाती हैं, जिनमें मूंग, मसूर, उड़द, चना, अरहर, सोयाबीन और राजमा शामिल हैं। इन्हें बनाना आसान है, और इन्हें रोटी, चावल, इडली, दोसा आदि के साथ खाया जा सकता है। ये सभी फलियाँ होती हैं, इसलिए इनमें प्रोटीन और फाईबर भरपूर मात्रा में होता है और इनसे जरूरी पोषण भी मिलता है। दालें शरीर को कई आवश्यक एमिनो एसिड प्रदान करती हैं, हालांकि सभी आवश्यक एमिनो एसिड प्राप्त करने के लिए दालों को अन्य अनाजों के साथ मिलाकर खाना होता है।
सेटन शाकाहारियों के लिए एक दूसरा लोकप्रिय विकल्प सेटन है। यह एक शाकाहारी मीट सब्सटिट्यूट है, जो गेहूँ के ग्लुटेन से बनता है। इसमें सोय की मात्रा बिल्कुल नहीं होती। इसका रूप और संरचना असली मीट के जैसी होती है। यह उन मीट प्रेमियों के लिए बहुत उत्तम है, जो शाकाहारी भोजन करना चाहते हैं।