धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश सरकार ने बर्मिंघम कामनवेल्थ गेम्स में रजत पदक जीतने वाली शिमला के पारसा की रेणुका ठाकुर को बतौर इनाम एक करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। हमीरपुर के पटनौण गांव के भारोत्तोलक विकास ठाकुर को भी इतनी ही राशि दी जाएगी। विकास ने भी कामनवेल्थ गेम्स में 96 किलोग्राम में भारोत्तोलन में रजत पदक जीता है। मंडी के मुक्केबाज आशीष चौधरी को 10 लाख रुपये मिलेंगे। पहला मुकाबला जीतने के बाद आशीष क्वार्टर फाइनल में हार गए थे। ओलिंपिक में पदक विजेता भारतीय हाकी टीम के सदस्य रहे चंबा से संबंधित वरुण कुमार को जयराम सरकार पिछले वर्ष एक करोड़ रुपये दे चुकी है। खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए निश्चित रूप से हिमाचल सरकार का कदम प्रशंसनीय है।
भारोत्तोलक विकास ठाकुर का परिवार कई वर्ष से पंजाब के लुधियाना में रहता है, पंजाब उन्हें अपना खिलाड़ी मानता है। लेकिन वह मूलत हिमाचल के निवासी हैं व आज भी वह खुद को हिमाचल का ही खिलाड़ी मानते हैं। खेल दिवस पर विकास ठाकुर ने दैनिक जागरण से बातचीत में कहा कि कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने मुकाम हासिल किया है। वह भारतीय वायुसेना में सेवारत हैं। वायुसेना में रहते हुए उन्हें प्रतिभा निखारने का और मौका मिला है। विकास ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश सरकार से नौकरी के लिए भी आवेदन कर रखा है। लेकिन अभी तक उनकी पेंडिंग चली हुई है।
वहीं, रेणुका ठाकुर शिमला के पारसा की रहने वाली हैं। अब भी उनका निवास स्थान वही रहता है। आशीष भी मंडी के सुंदरनगर में ही रहते हैं। दो राय नहीं कि मध्यमवर्गीय परिवार से निकली रेणुका सिंह ठाकुर को जो राशि मिली है, उससे प्रदेश की अन्य प्रतिभावान लड़कियां प्रोत्साहित होंगी। हो सकता है कि आने वाले समय में रेणुका जैसी और भी खिलाड़ीं भारतीय महिला क्रिकेट टीम में खेलती नजर आएं।