HIV+ छात्रा से भेदभाव : हॉस्टल से बाहर किया, कलेक्टर के दखल के बावजूद कॉलेज अड़ा
पीड़ित लड़की का कहना है कि वह हॉस्टल में रह कर आगे पढ़ना चाहती है और कॉलेज प्रशासन को चाहिए कि वह उसके रहने की व्यवस्था करे।
अक्षरा से कहा गया, वह अनाथालय में चली जाए…
19 साल की अक्षरा बचपन से एचआईवाई पॉज़िटिव है। वह कॉलेज के हॉस्टल में रहने के अपने अधिकार को लेकर पूरे सम्मान के साथ डटी हुई है। बताया जा रहा है कि कुछ छात्राओं के माता-पिता ने शिकायत की कि अगर उनकी बेटियां अक्षरा के हॉस्टल में रहेंगी, एक ही बाथरूम इस्तेमाल करेंगी तो उनकी शादी करना मुश्किल हो जाएगा। हैरानी की बात यह है कि इसके बाद कॉलेज ने अक्षरा को एक अनाथालय में जाने की पेशकश की है।
अक्षरा ने बताया- मेरी मां को कॉलेज बुलाया गया। प्रिंसिपल ने उनसे कहा कि कुछ अभिभावकों ने अक्षरा के हॉस्टल में रहने पर ऐतराज़ जताया है और उसे वहां से बाहर जाना होगा। मेरी मां को दूसरी जगह दिखाई गई। वह घर आईं और मुझे बोलीं कि यही तुम्हारा भाग्य है, तुम्हें हॉस्टल से दूसरी जगह जाना होगा वरना तुम पढ़ाई नहीं कर पाओगी।
जिला कलेक्टर ने कहा, कार्रवाई की जाएगी यदि…
अक्षरा जब छोटी थी तभी उसके पिता चल बसे थे। इसके बाद उसे उसकी मां ने ही पढ़ा-लिखाकर बड़ा किया। इस मामले के सुर्खियों में आने के बाद अब जिला कलेक्टर ने दखल दिया है। कलेक्टर ने कॉलेज से कहा है कि वह उसे आठ मार्च तक वापस हॉस्टल बुलाए वरना कार्रवाई की जाएगी।
कन्नूर की डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर पी बाला किरण ने कहा, मैंने उन्हें साफ़-साफ़ बता दिया है कि छात्रा को हॉस्टल में ही रखना होगा और उसे बाहर नहीं निकाला जा सकता। अगर कोई उसके साथ भेदभाव करेगा तो क़ानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कॉलेज अड़ा…
डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर की सख़्ती के बावजूद कॉलेज ने कहा है कि वह मैनेजमेंट की बैठक के बाद उसे अपना जवाब देगा।