होलिका अष्टक 10 से, शुभ मांगलिक कार्यों पर लगेगा ब्रेक
ग्वालियर: होलिका अष्टक 10 मार्च को सुबह सूर्योदय के साथ प्रारंभ हो जाएंगे। होलिका अष्टक की अवधि होलिका दहन के साथ 17 मार्च को स्वत: ही समाप्त हो जाएगी। इस तरह फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा परियंत होलिका अष्टक मनाया जाएगा। होलिका अष्टक शुरू होने के साथ ही विवाह, नूतन गृह प्रवेश, देव प्राण प्रतिष्ठा, नूतन गृह निर्माण, मुंडन जैसे शुभ मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाएगी।
होलिका दहन के बाद शुभ मांगलिक कार्य खरमास रहने के कारण प्रारंभ नहीं हो पाएंगे। इसलिए शुभ मांगलिक कार्यों का प्रारंभ नूतन संवत्सर 2079 के प्रारंभ होने के बाद मेष राशि में सूर्य का प्रवेश 14 अप्रैल के होने के बाद प्रारंभ हो जाएंगे।फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका अष्टक प्रारंभ हो जाते हैं। इसी दिन से एक पेड़ की शाखा काटकर उसमें रंग बिरंगे कपड़ों के टुकड़े बांधे जाते हैं। फिर इस शाखा को जमीन में गाड़ दिया जाता है।
लोग इसके चारों तरफ सूखी लकड़ी एवं गाय के गोबर से बने उपलों या कंडों को एकत्रित करते हैं।होलिका दहन के दिन भद्रा रहित शुभ समय में नृसिंह भगवान एवं भक्त प्रहलाद के पूजन के बाद अग्नि पूजन करके होलिका दहन किया जाएगा।